इन 4 राशियों पर है शनिदेव की टेढ़ी नज़र, जानिये किन-किन राशियों पर लगी रहेगी साढ़े साती
भारतीय ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रहों में से एक ग्रह, शनि की साढ़े सात वर्ष चलने वाली एक प्रकार की ग्रह दशा होती है. ज्योतिष एवं खगोलशास्त्र के नियमानुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं. इस प्रकार जब शनि ग्रह लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपना समय चक्र पूरा करता है. शनि की मंथर गति से चलने के कारण ये ग्रह एक राशि में लगभग ढाई वर्ष यात्रा करता है, इस प्रकार एक वर्तमान के पहले एक पिछले तथा एक अगले ग्रह पर प्रभाव डालते हुए ये तीन गुणा, अर्थात साढ़े सात वर्ष की अवधि का काल साढ़े सात वर्ष का होता है. भारतीय ज्योतिष में इसे ही साढ़े साती के नाम से जाना जाता है.
किस राशि की साढ़ेसाती कब तक चलेगी
तुला राशि : 26 जनवरी 2017 तक साढ़े साती चलेगी
वृश्चिक राशि : 24 जनवरी 2020 तक साढ़े साती चलेगी
धनु राशि : 18 जनवरी 2023 तक साढ़े साती चलेगी
मकर राशि : 29 मार्च 2020 तक साढ़े साती चलेगी
इस समय शनिदेव गोचर में वृश्चिक राशि में संचार कर रहे हैं. अतः इस समय तुला, वृश्चिक तथा धनु राशि के जातक के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. जैसे ही 26 जनवरी 2017 को वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेंगे तब तुला राशि वालो के लिए साढ़े साती ख़त्म हो जाएगी और मकर राशि की साढ़े साती शुरू हो जायेगी. क्योंकि वृश्चिक से धनु में जाने पर मकर राशि से शनि बारहवां भाव में होगा इसलिए मकर राशि की साढ़े साती शुरू हो जाती है. शनि की साढ़े साती की अवधि ढाई साल की होती है. इसलिए इन तीन भावों से गुज़रने में साढ़े सात वर्ष का समय लग जाता है.
शनि की चाल
2020 तक शनि ग्रह का धनु राशि में वास रहेगा. तब तक चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और धनु राशि में होगा. इसी दौरान शनि 6 अप्रैल 2017 चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की उदयातिथि दशमी के दिन रात 9.46 बजे वक्री हो जाएंगे. फिर 20 जून 2017, आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन शनिदेव वक्री गति से फिर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. उस समय चंद्रमा भरणी नक्षत्र, मेष राशि में भ्रमण करेंगे. आखिर में 26 अक्टूबर 2017, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रात 7.39 बजे शनि मार्गी गति से फिर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. उस समय चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और धनु राशि में संचार करेगा.
वक्री शनि का प्रभाव
बाला जी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा के मुताबिक वक्री शनि का विपरीत प्रभाव होता है. जातक परेशानियों में घिरा रहता है. उनके मुताबिक शनि दोष से पीड़ित जिस पर शनि की साढ़े साती या ढैया का प्रकोप हो उनको निवारण के लिए काला वस्त्र, उड़द, काला पुष्प, लोहा व अन्य दान करते रहना चाहिए. विषम परिस्थितियों में गृह शांति कराने से भी लाभ मिलेगा. जिन लोगों की शुभ साढ़े साती, ढैया चल रही हो उनको प्रत्येक शनिवार को शनि का तेलाभिषेक तथा शनि स्त्रोत पाठ करना चाहिए. इन विधियों से काफी हद तक दुष्प्राभावों का आने से दूर किया जा सकता है.
राशि प्रभाव
मेष: मेष राशि वालों की कष्टकारी स्थितियों दूर होंगी. दूर स्थान की यात्रा संभव है. धन लाभ होने का योग है. परिवार का माहौल शांतिपूर्ण रहेगा.
वृष: वृष राशि वाले लोगों पर शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा. कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ेगा. देरी से सफलता मिलेगी.
मिथुन: मिथुन राशि वालों को शत्रुओं से सावधान रहने की ज़रुरत है. दूसरों से मेलजोल रखें. सफलता निश्चित रूप से मिलेगी.
कर्क: कर्क राशि वाले अगर कुछ क्रिएटिव करने की सोच रहे हैं तो आगे बढ़ें, सफलता मिलेगी. प्रेम संबंधी समस्याएं दूर हो जायेंगी.
सिंह: शनि की ढैया खत्म होगी. जमीन-जायदाद विवादों से बचने की कोशिश करें. यात्रा करने के योग हैं. यात्रा से लाभ पहुंच सकता है.
कन्या: शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा. पारिवारिक माहौल सुखमय रहेगा. समाज में मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. मन प्रसन्न रहेगा.
तुला: यह जानकार आपको ख़ुशी होगा कि शनि के धनु में गोचर के साथ ही साढे सात साल से चली आ रही परेशानी और कष्ट की स्थिति समाप्त होगी और आप स्वयं को अच्छा महसूस करने लगेंगे. यदि कोई शत्रु है तो परास्त होंगे. आप जितना मेहनत करेंगे उसके अनुरूप जरूर ही फल मिलेगा. साढ़े साती के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए शनि का बीज मंत्र – ॐ शं शनैश्चराय नमः का रोज़ाना जाप करें और प्रत्येक शनिवार को अपना छाया पत्र दान करें.
वृश्चिक: वृश्चिक राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव रहेगा. सफलता चाहते हैं तो दृढ़ इच्छाशक्ति रखनी होगी. शनि के प्रकोप से बचने के लिए आप हनुमान जी की आराधना करें. ख़राब स्वास्थ्य के लिए बजरंग बाण का नियमित पाठ करें. साढ़े साती से मुक्ति हेतु शनिवार को बंदरों को केला व चना खिलाएं.
धनु: धनु राशि वालों पर शनि की मध्य साढ़े साती का प्रभाव रहेगा. सफलता मिलने का सबसे शुभ समय है. दूर की यात्रा संभव है. मानसिक कष्ट परेशानी का सामना करना पड़ेगा. साढ़े साती दूर करने के लिए पीपल के वृछ को रोज़ाना जल दें और बंदरों को गुड़ खिलाएं. शनि देव जल्दी प्रसन्न हो जाते है और शुभ फल मिलता है.
मकर: साढ़े साती का आरम्भ होगा. कार्य जो आप करना चाहते हैं उसमें देरी होगी. प्रेम और पारिवारिक संबंधों में मधुरता बनाये रखें. शनि की साढ़े साती दूर करने के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन नियमपूर्वक हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके अलावा काले घोड़े के नाल की अंगूठी बनवाकर शनिवार के दिन पहने.
कुंभ: कुंभ राशि वाले लोगों के लिए व्यवसाय अथवा नौकरी में बदलाव की संभावना है. बेहतर शुरुआत के योग बन रहे हैं. नया कार्य शुरू करने के लिए उत्तम समय.
मीन: मीन राशि वाले लोगों के लिए कार्यस्थल में उन्नति के योग बन रहे हैं. करियर में सफलता मिलेगी. यात्रा से लाभ होगा. विदेश दौरे पर जाने के योग हैं. प्रेम संबंध मधुर बना रहेगा.