अब शादियों में होंगे 7 नहीं बल्कि 8 फेरे, जानिए, क्यों?
नई दिल्ली – शादी को लेकर हर किसी के मन के ख्यालात एक दूसरे से अलग होते हैं। कुछ लोगों के लिए यह सात जन्मों तक साथ निभाने का रिश्ता है तो कुछ के लिए यह केवल एक जन्मों का बंधन है। कुल मिलाकर शादी न केवल दो अनजान लोगों को रिश्ते में बांधती है बल्कि यह दो परिवारों को भी मिलती है। आमतौर पर हिंदू धर्म के मुताबिक शादी के दौरान दुल्हा-दुल्हन को सात फेरे लेने होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन सात फेरे के दौरान वो एक दूसरे से सात वचन लेते हैं। लेकिन, अब सब बदल गया है, अब आपको सात नहीं बल्कि 8 फेरे लेना पड़ेगा। 8 rounds in the marriage.
यहाँ लेने होंगे 8 फेरे
अगर, आप बिहारी हैं या बिहार में शादी करने जा रहे हैं, तो आपको यहाँ सात नहीं बल्कि 8 फेरे और 8 वचन लेने होंगे।अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपकी शादी को सरकार के मुताबिक मान्यता नहीं है। दरअसल, बिहार में लागू नए कानून के मुताबिक, आपको बिहार में शादी करने के लिए ये आठवें वचन के रुप में एक शपथ पत्र दोगा होगा, जिसमें आपको लिखना होगा कि यह विवाह बाल विवाह नहीं है और इसमें दहेज का कोई लेन देन नहीं हुआ है।
बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ जंग
आपको बता दें कि यह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत किया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत अब हर नवविवाहित जोड़े को एक शपथ पत्र देना होगा जिसमें उसे इस बात का वचन देना होगा कि यह विवाह बाल विवाह नहीं है और इसमें दहेज का कोई लेन देन नहीं हुआ है। गौरतलब है कि नीतीश सरकार ने इस शपथ पत्र को भरवाने का जिम्मा मैरिज हॉल के प्रबंधकों को सौंपा है।
2 अक्टूबर को लागू हुआ यह नियम
यह काम मैरिज हॉल के प्रबंधकों को सौंपने का अर्थ ये है कि बिना शपथ पत्र भरे मैरिज हॉल की बुकिंग नहीं हो सकती। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 अक्टूबर को बिहार के सभी स्कूलों, कॉलेज, सरकारी दफ्तर में दहेज न लेने और न देने की शपथ दिलाते हुए कहा था कि जिस शादी में दहेज का लेन-देन हुआ है, वह उस शादी को मान्यता नहीं देंगे। यह शपथ पत्र उनकी इसी मुहिम का हिस्सा है। गौरतलब है कि नितीश सरकार बाल-विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ काफी शख्ती से निपट रही है। इसके लिए जन जागरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं।