ये चीजें कर सकती हैं रिश्तों को कमजोर, यूं करें रिश्तों को मज़बूत
कहते है इंसान कुछ रिश्ते अपने जन्म के साथ अपने साथ लेकर आता है जिन्हें निभाना आसान है. मगर कुछ रिश्ते उसको अपने आप बनाने पड़ते हैं. उनमें से एक रिश्ता है अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ता. जीवन साथी के साथ रिश्ते आसान नहीं होते हैं. आमतौर पर शादी होने के बाद बहुत से लोग यह कहते सुनाई देते है कि जब एक बार जब हनीमून खत्म हो जाता है तो रिश्तों में मजबूती बनाये रखने के लिए आपको अधिक प्रयास करना पड़ता है. शादी के बाद जैसे ही रोमांस का भूत सर से उतरता है तो जिम्मेदारियां दिखाई देने लगती हैं और ऐसे में रोमांस की चमक फीकी हो जाती है. जब आपके और आपके जीवनसाथी के बीच रोमांस कम होने लगता है तो रिश्तों में दरारे आना लाजमी है. लेकिन थोड़ी सावधानी के साथ कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख आप अपने रिश्तों को मज़बूत बनाये रखने में कामयाब हो सकते है.
हर इंसान अपने हर तरह के संबंधों में समझ, सम्मान और सराहना चाहता हैं. लेकिन जीवन में आने वाली परेशानियों या जिम्मेदारियों के चलते अक्सर इन सब बातों से परे हो जाता है. ऐसा होने से हमारे महत्वपूर्ण संबंध कमजोर पड़ सकते है जिससे हमारे प्यार में भी कमी महसूस होती है. आपका जीवनसाथी ऐसा कि आप विपरीत दिशाओं में आगे बढ़ रहे है. आपको ऐसी जोड़े भी देखने को मिलेंगे जिनके रिश्तों में जादुई सम्बन्ध होता है. वो एक-दूसरे को समझते हुए रिश्तों को सही मायनों में निभाते हैं. जब वे एक-दूसरे को देखते हैं तो उनकी आँखों में चमक होती है, वो दोनों एक दूसरे के लिए महत्वपूर्ण होते है. परेशानियां या जिम्मेदारियां कर देती हैं रिश्तों को कमजोर-
रिश्तों को मज़बूत बनाने के टिप्स :
आपको अपने सम्बन्धों में गहनता, प्रेम और संबंध की भावना को बढ़ावा देने के लिए बस कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना है.
समझदार और सहानुभूतिशील बने :
ऐसा होना लाजमी है जब आप कार्यालय में पूरा लंबा दिन बिताकर आते है तो आप घर आकर सिर्फ आराम करना चाहते है. हो सकता है कार्यालय का गुस्सा आपके अंदर हो. मगर इसका मतलब यह नहीं कि आप घर पर अपना गुस्सा निकालें. आपको ऐसे में समझदारी दिखाने की जरुरत होती है. आपका साथी जो घर पर था या कही और वो भी उसी दशा में होता है जिसमें आप. ऐसे में आपको सहानुभूति के साथ मिल-जुलकर चलना चाहिए.
अपनी व्यक्तिगत खुशी को प्राथमिकता दें :
जो लोग खुश रहते है वो हमेशा सकारात्मक संबंध बनाते है. अगर आप किसी ऐसे का इंतज़ार कर रहे है जो आपको खुश करने का काम करेगा तो आप ग़लतफहमी का शिकार है. ख़ुशी अपने अंदर ही होती है, सिर्फ आपको उसे ढूंढ़ना होता है. अगर आप ख़ुशी बाहर ढूंढेंगे तो आप हमेशा निराश महसूस करेंगे. जब आप खुद के भीतर ख़ुशी देखते हैं तो आप अपने रिश्ते में भी खुश रहते है. आपकी अंदरूनी ख़ुशी के स्तर पर आपके रिश्ते की सफलता टिकी होती है. ख़ुशी को अपने अंदर खोजने के लिए आप किसी पुराने शौक को पुनः आरंभ कर सकते है , व्यायाम या मेडिटेशन से अपनी दिनचर्या शुरू कर सकते है, नए या पुराने मित्रों के साथ मिलने जुलने से , या अपने दिल के भीतर गहरी भावनाओं को अपनाने से आप खुश रह सकते है.