गुणों की खान शहद के हैं अनगिनत स्वास्थ्य लाभ
2500 वर्षों से दुनिया में अनगिनत संस्कृतियों द्वारा शहद का उपयोग किया जाता रहा है. शहद के अनगिनत स्वास्थ्य लाभों ने आयुर्वेदिक उपचार में शहद को पारंपरिक दवाओं का एक महत्वपूर्ण तत्व बना दिया है. आजकल वैज्ञानिक भी आधुनिक चिकित्सा के लिए शहद के लाभों की शोध कर रहे हैं खासकर घावों के उपचार में.
शहद के नाम :
कहते है चीज़ एक और नाम अनेक. इसे जर्मन में होनीग, इटालियन में मीले, हिंदी में शहद, फ्रांसीसी और स्पैनिश में मील, पुर्तगाली में मेल, रूसी में मैड, और डच में होनिंग के नाम से जाना जाता है. दुनिया में लगभग कोई हिस्सा ऐसा नहीं है जहां शहद का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया हो. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इसे आहार का एक मुख्य भाग के रूप में खिलाया जाता है.
शहद की लोकप्रियता के कारण :
शहद के इतने लोकप्रिय होने के पीछे कई कारण हैं. शहद का उपयोग नए जन्मे बच्चे से लेकर वृद्धा अवस्था के लोग तक कर सकते है. इसको खाने के कई प्रकार है जैसे जैम की तरह रोटी पर लगाकर, इसे चीनी के बजाय रस या किसी भी पेय के साथ मिलाकर, गर्म पानी के साथ, नींबू के रस के साथ पिने के लिए और सौंदर्य उपयोग के लिए, दालचीनी और अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर दवा के रूप में आदि. यह अपने स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ के कारण भी बेहद उपयोगी और बहुमुखी है.
शहद में पोषक तत्वों :
शहद के पोषक तत्वों की बात की जाए तो 1 बड़ा चम्मच शहद (21 ग्राम) में 64 कैलोरी और 17 ग्राम चीनी शामिल होती हैं. इसमें फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, माल्टोस और सोक्रोज शामिल होता हैं. इसमें कोई फाइबर, वसा या प्रोटीन नहीं होता है. इसमें कई विटामिनों और खनिजों का ट्रेस अंश मात्रा (आरडीए के 1% से कम) में शामिल होता है. उच्च गुणवत्ता वाले शहद में कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जैसे फ़नलोलोइड और कार्बनिक अम्ल जैसे फिनोल, एंजाइम और यौगिक आदि शामिल है.
इसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज शामिल होते हैं. विटामिन और खनिजों का प्रकार और उनकी मात्रा एपिकल्चर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों के प्रकार पर निर्भर करता है. आमतौर पर शहद में विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन होता है. इसमें एंटी बैक्टीरिया और एंटी-फंगल संबंधी गुण शामिल हैं. इसे अक्सर पारंपरिक दवाइयों में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में प्रयोग किया जाता है.
शहद के फायदे :<
शहद ब्लड शुगर के स्तर, मांसपेशियों के मूवमेंट और कसरत के बाद शरीर में ग्लाइकोजन बनाए रखने के साथ-साथ शरीर में इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित करने करके शरीर में ऊर्जा को शानदार तरीके से नियंत्रित करता है.
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