इस आईपीएस ऑफिसर को कहा जाता है ’ग़रीबों का मसीहा’, कहानी ऐसी कि रोने पर मजबूर हो जाएंगे
बदन पर खाकी, कंधों पर कानून और व्यवस्था का बोझ, चेहरे पर मुस्कान और मन में कुछ कर गुजर जाने का हौसला..यह पहचान है उस आईपीएस ऑफिसर की जो लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है. उसकी वर्दी लोगों को डराती नहीं, बल्कि पास बुलाती है और उनमें प्रेरणा का बीज बो देती है. वह बेसहारों का सहारा, जरूरतमंदों की जरूरत और दृष्टिहीन लोगों की आंखों की रौशनी है. वास्तव में वह आंखों में रौशनी भरने का काम करता है. भारतीय पुलिस सेवा का वह जांबाज एक पूरे के पूरे गांव के लिए पालनहार की भूमिका में है, उसने एक गांव गोद ले रखा है.
देश-समाज में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो सामाजिक सरोकारों के लिए निस्वार्थ काम करें. आज के जमाने में जहां लोग अपने काम का ढिंढोरा पीटकर वाहवाही लूटने में वक्त जाया करते हैं, वह है कि पूरी तन्मयता से लोगों की भलाई में ही अपना अस्तित्व देखता है. इस आईपीएस ऑफिसर जैसा हर अधिकारी हो जाए तो इस देश को बदलने में देर न लगे.
कौन है यह जांबाज़ आईपीएस ऑफिसर
भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी रवि कृष्ण आंध्रप्रदेश के रायलसीमा मंडल में आने वाले कुरनूल जिले में तैनात हैं. रवि कृष्ण पुलिस सेवा के अलावा खुद की चलाई जा रही एक मुहिम में व्यस्त हैं. वह लोगों को जागरुक करते हैं और उन्हें ‘नेत्रदान’ करने के लिए प्रेरित करते हैं. पिछले वर्ष रवि कृष्ण ने खुद नेत्रदान करने की शपथ ली, तब से वह लोगों के बीच जाकर उन्हें नेत्रदान की अहमियत बताते हैं. रवि कृष्ण की मुहिम के चलते अब तक करीब डेढ़ लाख लोग ‘नेत्रदान’ कर चुके हैं.
डेटा कंपनी ऑपरेटर में काम
रवि कृष्ण पुलिस अधिकारी बनने से पहले केनरा बैंक में डेटा कंपनी ऑपरेटर का काम करते थे. उन्होंने एक ऐसे गांव को गोद लिया जो अपनी अपराध गाथाओं के लिए जाना जाता था. कपाटराला गांव में दिन-दहाड़े लोगों की हत्या हो जाना आम बात थी. इस गांव के 21 लोग अब भी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. लेकिन रवि कृष्ण ने जरायम की धरती को स्वर्ग बनानी की ठानी है और वह काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविकृष्ण के प्रयासों से जिले कलेक्टर ने 60 लाख रुपयों का अनुदान एक स्कूल में इमारत बनाने के लिए दिया है. उनकी कोशिशों से गांव की सड़कें भी बनाई जा रही हैं और गांव में साक्षरता दर सुधारने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं.
नेत्रदान के लिए गाया गाना
रवि कृष्ण लोगों को आगे बढ़कर नेत्रदान करने के लिए अपने लिखे और गाए गानों से भी प्रेरित करते हैं. उन्होंने ‘कल्लनू दानम चेयी, नी चूपनू दानम चेयी’ गाना लिखा और गाया. गाना यू ट्यूब पर वायरल हुआ. इसका मतलब होता ‘आंखें दान करें, रौशनी दान करें’. कुरनूल के ब्लाइंड स्कूलों में नियमित आने-जाने के कारण रवि कृष्ण को यह गाना लिखने की प्रेरणा मिली.