राजस्थान में जमीन की लड़ाई लड़ रहे किसानों ने गड्ढे में खड़े होकर इस तरह से मनाई अपनी दिवाली
जयपुर: दिवाली को रौशनी और प्रेम का पर्व माना जाता है। इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक दुसरे के गले लगकर उन्हें मिठाई खिलाते हैं। देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए किसी पर्व-त्यौहार से कोई मतलब नहीं होता है। वो लोग अपना जीवन अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए बिता देते हैं। ऐसा ही एक नजारा राजस्थान के जयपुर में दिखा। जहाँ पूरा देश दिवाली की खुशियाँ मना रहा था, वहीँ जयपुर में एक ऐसी दिवाली भी मनाई गयी जिसमें खुशियों से ज्यादा आन्दोलन था, विरोध था और यह विरोध व्यवस्था के खिलाफ था।
मुआवजे के लिए 2 अक्टूबर से चल रहा है प्रदर्शन:
लोगों ने दिवाली के अवसर पर दिए तो जलाये लेकिन विरोध भी किया। लेकिन इस बार लोगों के विरोध का अंदाज बिलकुल ही अलग था। जयपुर में किसानों ने गड्ढे में खड़े होकर दिए जलाये और उनका यह विरोध मुआवजे को लेकर था। बताया जा रहा है कि जयपुर में कुछ किसान जमीन के मुआवजे के लिए 2 अक्टूबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध करनें वाले ये लोग अपने इलाके की 1350 बीघा जमीन के मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत कर रहे हैं मुआवजे की माँग:
किसानों की इस जमीन को सरकार ने वर्ष 2010 में ली थी। गाँव के किसान नए लागू हुए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजे की माँग कर रहे हैं। वही सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि प्रशासन इनके खिलाफ सीधे तौर पर कार्यवाई करनें में मूड में है। आन्दोलन कर रहे किसानों की बातचीत भी प्रशासन से कई दिनों पहले ही बंद हो चुकी है। जयपुर विकास प्राधिकरण पर दबाव बनानें के लिए नींदड गाँव के लोगों ने अपनी-अपनी जमीनों में गड्ढे खोद रखे हैं।
गड्ढे में खड़े होकर जलाये दिए और किया प्रदर्शन:
ग्रामीण अपनी माँग इन्ही गड्ढों में खड़े होकर कर रहे हैं। गुरुवार दिवाली की रात ग्रामीणों ने इन्ही गड्ढों में खड़े होकर दिए जलाये और अपनी-अपनी माँगे उठाई। जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आन्दोलन करनें वाले किसानों का कहना है कि जबतक सरकार और जयपुर विकास प्राधिकरण हमारी जमीन की अधिग्रहण को निरस्त नहीं करेगी, तब तक यह आन्दोलन जारी रहेगा।