क्या आपकी उंगलियों का भी होता है यह हाल? यदि हां, तो ज़रूर पढ़ें यह खबर
हमारा शरीर ईश्वर का दिया हुआ एक अमूल्य उपहार है. इंसानी शरीर बहुत जटिल माना जाता है इसलिए इसे अच्छे से समझ पाना मुश्किल है. हमारे शरीर में कई ऐसी प्रक्रिया होती रहती है जिसका सही कारण हमें पता भी नहीं होता. आपने अक्सर यह देखा होगा कि जब भी हाथों या पैरों की उंगलियों को पानी में भिगोया जाता है तब उनमें सिलवटें पड़ जाती हैं.
क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? क्या यह कोई बीमारी है या एक सामान्य प्रक्रिया? पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि उंगलियों को देर तक पानी में रखने से त्वचा से पानी बाहर निकलने लगता है जिस कारण त्वचा में नमी की कमी हो जाती है और इस वजह से उंगलियों में सिलवटें पड़ने लगती है. लेकिन एक शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया है कि ऐसा कहना बिल्कुल ग़लत है और अब तक जो हम विज्ञान की पुस्तकों में पढ़ते आ रहे हैं वह कारण भी पूर्ण रूप से सही नहीं है.
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
वैज्ञानिक बताते हैं कि हमारे शरीर के अंदर एक तंत्रिका काम करती है जो कुछ देर तक पानी के संपर्क में रहने से अंदर की नसों को सिकोड़ देती है और इस वजह से हमारी त्वचा पर सिलवटें पड़ जाती है. सिलवटें पानी से निकलने के कुछ समय तक ही रहती है फिर उसके बाद धीरे-धीरे अपने आप गायब हो जाती हैं. यह तंत्रिका हमारी सांस, धड़कनों और पसीने को भी नियंत्रित करती है. जीवित रहने के लिए यह प्रक्रिया बहुत ज़रूरी है. सिलवटें पड़ने से कई फ़ायदे भी होते हैं.
पानी में अच्छी पकड़
एक यूनिवर्सिटी के रिसर्च ने स्टडी करते हुए वालंटियर्स को सूखी और गीली चीज़े पकड़ने को कहा जिसमें अलग-अलग प्रकार की मार्बल्स थीं. वालंटियर्स को यह चीज़ें पहले तो सूखे हाथों से उठानी थी और बाद में अपनी उंगलियों को आधे घंटे पानी में रखकर इन चीज़ों को उठाना था.
वालंटियर्स सूखे हाथ की बजाय उंगलियों को पानी में भिगोने के बाद बड़ी आसानी से चीज़ें उठा पा रहे थे. स्टडी के को-ऑथर और बायोलॉजिस्ट टॉम स्मलडर ने स्टडी के बाद कहा कि हमारे पूर्वजों को इस तरह की झुर्रियों वाली उंगली से गीली और नम जगहों पर चीज़ें लेने में मदद मिलती होगी. स्टडी के अनुसार उंगलियों की यह सिलवटें किसी चीज़ को पकड़ने की क्षमता बढ़ाती है.