सावधान इन लोगों से बचकर, ऐसे लोग देते हैं ज्यादा धोखा
यद्यपि धोखा शब्द की कोई परिभाषा नहीं है फिर भी अपने आप में ये एक बहुत बड़ा शब्द है. वास्तव में दुनिया में धोखा देने वाले जिन्हें हम चीटर्स बुलाते है, मौजूद हैं. ये लोग आमतौर पर आपकी कल्पना से भी दूर तक जाकर आपको बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं. धोखा शब्द को नापने का कोई मापदंड नहीं है. ये किसी भी रूप में हो सकता है. चाहे वो रिश्ते में धोखा हो या सेक्स के रूप में धोखा हो या किसी और रूप में, इसके संबंधों को कोई मापदंड नहीं है. सीधी सरल भाषा में विश्वासघात करना एक धोखा होता है.
आइये आज हम आपको चीटर्स के बारे बताएंगे. दुनिया में हर तरह के लोग है और इसी प्रकार चीटर्स के भी प्रकार है.
चीटर्स संगीत प्रेमी होते है-
कहा जाता है कि संगीत और सेक्स वास्तव में किसी न किसी रूप में जुड़े होते है. शोधकर्ताओं के अनुसार, जहां चीटर्स की बात आती है तो उनमें से 41 प्रतिशत चीटर्स सभी तरह का रॉक संगीत पसंद करते हैं, पॉप संगीत पसंद करने वाले – 16 प्रतिशत, देश संगीत पसंद करने वाले चीटर्स -11 प्रतिशत, शास्त्रीय संगीत पसंद करने वाले चीटर्स -7 प्रतिशत, और रैप / हिप हॉप पसंद करने वाले चीटर्स केवल दो प्रतिशत होते है.
पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा खतरनाक धोखा देती हैं-
पहले ज़माने में कहा जाता था कि व्यभिचार के मामलों में पुरुषों के भटकने की सबसे अधिक संभावना होती है. लेकिन यह एक झूठ है. अध्ययनों से पता चलता है कि जब महिलाएं धोखा देती है तो उनका मकसद शारीरिक जरुरत न होकर भावनात्मक आवश्यकता को पूरा करना होता है. जब किसी व्यक्ति के धोखे में भावनायें जगह ले लेती हैं तो वो अधिक खतरनाक धोखा होता है. भावनात्मक सहभागिता पूरी तरह से रिश्ते में दरार ला देती है जिसे बचाया नहीं जा सकता.
चीटर्स धोखा देकर भी अपनी असल ज़िंदगी में खुश रहते है-
धोखाधड़ी का मतलब जरूरी नहीं है कि धोखेबाज अपने पुराने रिश्ते से नाखुश हो. ज्यादातर बेईमानी जो कि व्यभिचार करते हैं वो इस तरह से महसूस करते है कि वो अपने जीवन और रिश्तों में खुश हैं और यहां तक कि वो लोग अपने पुराने रिश्ते से ब्रेकअप भी नहीं करना चाहते.
कुछ पुरुष अपनी शादी को “ठीक” करने के लिए धोखा देते हैं-
यह सबसे हास्यास्पद बात लगेगी कि कुछ पुरुष अपनी शादी को “ठीक” करने के लिए धोखा देते है. कुछ शादी और परिवार के चिकित्सकों के अनुसार, जो पति अपनी पति से प्यार करते हैं, वो लोग सोचते है कि अपने विवाह के बंधनों से बाहर निकलकर यानि किसी और से रिश्ता बनाकर वो खुश रह सकते है और अपना वैवाहिक जीवन सुखी बना सकते है. शायद सुनने और हज़म करने में ये बात आपको अटपटी लगे पुरुष प्रधान समाज में ये भी एक अवधारणा है.