आज भी इंसाफ के लिए तरस रहा है हेमराज का परिवार, इस हाल में रह रही हैं उसकी माँ और पत्नी
नई दिल्ली: देश के सबसे चर्चित केस आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहबाद हाई कोर्ट ने तलवार दम्पति को बारी कर दिया है। दोनों जेल से छूटकर घर आ गए।
उनके बारी होनें के बाद कई साल पुराना सवाल एक बार फिर से खड़ा हो गया है कि आखिर आरुषि-हेमराज की हत्या किसनें की?। नेपाल के रहनें वाले हेमराज के परिवार को आज भी इंसाफ का इंतज़ार है। उसका परिवार जानना चाहता है कि इस घटना को किसनें अंजाम दिया। केस की शुरूआती जाँच के दौरान उसे ही संदिग्ध माना जा रहा था।
मुश्किल से चल रहा है परिवार का खर्च:
नेपाल के एक छोटे से गाँव में रहनें वाले हेमराज बंजादे के परिवार में एक बूढी माँ, एक विधवा पत्नी है और एक 18 साल का बेटा है। उसके एक बेटी की शादी हो चुकी है। अगर हेमराज अज जिन्दा होता तो वह अपनी पोती को देख लेता। उसके परिवार में काम करनें वाला वह इकलौता व्यक्ति था जो परिवार का खर्च चलाता था। उसकी मौत के बाद बहुत मुश्किल से परिवार का खर्च चल रहा है। उसके माँ की हालत काफी ख़राब बताई जा रही है।
परिवार के सहायता के लिए इकठ्ठा किये 1 लाख रूपये:
मूल प्रवाह आखिर भारत नेपाल एकता समाज के सदस्य ठाकुर खनल के अनुसार आरुषि-हेमराज हत्याकांड की खबर आनें के बाद पुरे गाँव के लोग स्तब्ध थे। यह सुनकर परिवार का बुरा हाल हो गया। गाँव और आस-पास के लोगों ने मिलकर परिवार की सहायता के लिए एक लाख रूपये इकठ्ठा किया और उन्हें दे दिया। 9 साल के बाद परिवार की स्थिति में कोई सुधार नहीं है और ना ही उन्हें न्याय मिला। तलवार दम्पति के रिहा होनें के बाद कुछ मीडिया हाउस नेपाल के रहनें वाले राजकुमार और कृष्णा थापा को शक के घेरे में ले रहे हैं।
आरुषि हत्याकांड में पहला शक गया था हेमराज पर:
अगर वो दोनों दोषी होते तो पुलिस उनके खिलाफ चार्जशीट जरुर फाइल करती। पॉलीग्राफी टेस्ट में भी उनके खिलाफ कुछ नहीं निकला है। ऐसे में मीडिया को उन दोनों के नाम को इस केस में घसीटना नहीं चाहिए। इस वारदात में सबसे पहले आरुषि का शव प्राप्त हुआ था तो पहला शक हेमराज पर गया था। लेकिन दो दिन बाद छत पर हेमराज की भी लाश मिली। इसके बाद यह हत्याकांड एक पहेली बनता चला गया। बाद में पुलिस ने इस केस में आरुषि के माता-पिता को दोषी ठहराया।