पाकिस्तान पर मंडराया कंगाली का साया, सिर्फ 12 हफ्तों में कंगाली से खत्म हो सकता है पाक
इस्लामाबाद – भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही देश थे। बंटवारे के बाद दोनों ही देशों के पास समान संसाधन थे। लेकिन आज भारत दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी है और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बना चुका है। वहीं पाकिस्तान के सामने अपने अस्तित्व को बचाने का ही खतरा पैदा हो गया है। पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज हो गया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों कंगाली से गुजर रहा है। Pakistan Economic depended on loan.
पाकिस्तान पर मंडराया कंगाली का साया
दरअसल, पाकिस्तान के पास महज तीन महीने के इंपोर्ट के डॉलर बचे हैं। इसका मतलब ये है कि अगले 12 से 16 हफ्तों में पाकिस्तान को डिफॉल्टर घोषित हो सकता है। यही वजह है कि पाकिस्तान की ओर से अब तक भारत को बर्बाद करने की धमकी दी जा रही थी अब वो बंद हो गई है। यहां तक कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी कराची में कह दिया है कि पाकिस्तान पर बहुत अधिक कर्ज है और पाकिस्तान केवल सैन्य ताकत के बल पर कोई देश को चलाने की बात करता रहा है। जावेद बाजवा ने रूस का उदाहरण देते हुए कहा है कि रुस के पास सैन्य ताकत की कोई कमी नहीं थी, लेकिन कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण वह भी एक वक्त टूट गया था।
वर्ल्ड बैंक के सामने गिड़गिड़ा रहा है पाक
अब ऐसे ही हालात पाकिस्तान में भी बन रहे हैं। सच्चाई ये है कि जो पाकिस्तान कल तक भारत को बर्बाद करने की धमकी दे रहा था, वो आज खुद बर्बाद होने के कगार पर है। पाकिस्तान को इस बात का सबक मिल गया है कि आतंक की फैक्ट्री से देश नहीं चलता। पाकिस्तान को इस वक्त बड़े आर्थिक सहयोग कि जरुरत है। पाकिस्तान ने अगर समय पर अपना कर्ज नहीं चुकाय, तो वह डिफॉल्टर घोषित हो जाएगा। इसी वजह से वह वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ और अमेरिका के सामने हाथ फैलाये गिड़गिड़ा रहा है।
कर्ज उतारने के लिए भी कर्ज लेता है पाक
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसके अनुसार, पाकिस्तान हर साल 50 बिलियन डॉलर यानी 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए कर्ज चुकाता है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान को कर्ज उतारने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। ये तो हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में आतंकवाद, खराब कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, महंगाई पाकिस्तान में चरम पर है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी उधार पर आधारित है। पाकिस्तान के नागरिकों को घर, पढ़ाई जैसे लगभग सभी कामों के लिए कर्ज लेना पड़ता है। यहां तक कि कर्ज की किश्त चुकाने के लिए भी उधार लेने कि नौबत है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने दुनियाभर से 163 बिलियन डॉलर यानी 17 ट्रिलियन रुपये का कर्ज ले रखा है।