करवाचौथ ने बचा लिया एक घर टूटने से,दिल को छूने वाली है इस जोड़े की कहानी
आधुनिकता की होड़ में लोग करवाचौथ जैसे पारम्परिक त्योहार का भले ही मजाक उड़ा लें लेकिन वास्तव में ये त्योहार पति पत्नी के अटूट रिश्ते को और मजबूत करने अहम भूमिका निभाता है। करवा चौथ का प्रताप क्या है इसको जानना है तो बाराबंकी के संजीत और उसकी पत्नी पूजा से मिल लीजिए जिनका टूट की कगार खड़ा दामपत्य जीवन इस त्योहार की वजह से बच गया।
भारतीय परम्परा में पति पत्नी के रिश्ते को सात जन्मों का साथ बताया गया है और इस रिश्ते को हर हाल में निभाने की कस्में खाई जाती हैं..यहीं वजह है कि लोग.. खासकर महिलाएं अपने दामपत्य जीवन और पति के लिए सब कुछ करती हैं। पति चाहें कैसा भी हो पत्नी के लिए वो भगवान होता है और उसके मंगल कामना के लिए पत्नी सभी कर्मकाण्ड करती है। कुछ ऐसी ही आस्था और घारणा की बानगी देखने को मिली रविवार को यूपी के बाराबंकी जिले में एसपी की अध्यक्षता में होने वाले परामर्श केंद्र में.. दरअसल यहां एक जोड़ा तलाक के सिलसिले परार्मश केन्द्र आया था लेकिन टूट की कगार पहुंच चुके अपने रिश्ते के बावजूद तारिख पर आई महिला ने पति के लिए करवाचौथ व्रत रखना नही भूला था और जब ये बात उसके पति को पता चली तो उसे अपने किए का पश्चाताप हुआ फिर दोनों में बात चीत के जरिए सुलह हो गई।इस तरह आखिरी सांसे गिन रहा एक दामपत्य जीवन करवाचौथ के व्रत की कृपा से बच गया।
भीषण शारीरिक पताड़ना झेलने के बाद भी रखा सुहाग के लिए व्रत
पूजा और संजीत का विवाह 2015 में हुआ था पर शादी के कुछ दिनों बाद से ही इनमे रहने लगी थी.. रिश्तों में इतनी कड़वाहट आ गई थी कि पिछले छह माह से दोनों मनमुटाव के चलते अलग रहने लगे थे ..यहां तक कि पूजा ने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दहेज, पीटने और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायत की थी।पर इसे पति के प्रति पत्नी की श्रद्धा ही कहेंगे कि ससुराल में प्रताड़ना का दंश झेलने के बाद बीते छह माह से मायके में रह रही पूजा अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखना नहीं भूलीं।
निजर्ला व्रत रखने के साथ पत्नी पहुंची थी तारीख पर
निजर्ला व्रत रखने के बाद भी पूजा पति से चल रहे मामले की तारीख पर एसपी के यहां उपस्थित भी हुईं।जहां परामर्श केंद्र में पूजा का पति से सामना हुआ। बाकि बातचीत के साथ जब यह बात सामने आयी, कि पूजा ने व्रत रखा है तो, उसके पति से भी रहा नहीं गया, और पति ने झट कहा सर कुछ देर पूजा से अलग बात कर लूं। पूजा भी राजी हो गई। पति संजीत के साथ पूजा अलग जा बैठी, तब संजीत को मालूम हुआ कि दांपत्य जीवन में भारी मनमुटाव के बाद आज उसकी लंबी आयु के लिए पूजा निराजल व्रत में यहां आयी है, फिर क्या था संजीत पत्नी का समर्पण देख भावुक हो उठा। उसने पूजा को घर वापस चलने के आग्रह के साथ ये वादा कि अब घर में कोई उसे कुछ नहीं कहेगा, तो पूजा ने कहा मैंने कब किसका ध्यान नहीं रखा। इस तरह चंद लफ्जों में बड़ी बातें हो गईं और दोनों ने एक साथ रहने का संकल्प फिर ले लिया।
साथ लौटे घर
आपस में बातचीत के बाद दोनों अपने अपने आंसू पोंछते हुए परामर्शी संजीव कुमार के पास पहुंचे और कहा अब हम जीवन भर एक साथ रहेंगे। उन्होंने सवाल किया कब से तो दोनों साथ बोले आज और अभी से। पूजा ने कहा सर आज तो व्रत इनके हाथ से पानी पीकर ही तोडूंगी। इसके बाद दोनों अपने घर अमेठी चले गए।
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