पाँच पतियों के बावजूद कुंवारी थीं द्रौपदी? जानिए द्रौपदी के बारे में ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें
महाभारत हिंदू पौराणिक कथाओं के सबसे महान महाकाव्यों में से एक है, जिसकी कहानियां हर बच्चे ने अपने बचपन में सुनी होंगी। आज हम इसके बारे में कुछ अनसुने राज आपको बताने जा रहे हैं। Fascinating Facts about Draupadi. हालांकि, इस महाकाव्य में कई चीजें आज भी कई लोगों के लिए रहस्य हैं। यह महाकाव्य दिलचस्प तथ्य से भरा हुआ है जिसे बताया नहीं गया या टेलीविज़न स्क्रीन पर विस्तार से दिखाया नहीं गया।
महाभारत में द्रौपदी के चरित्र को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। वो एक ऐसी रहस्यमय पत्नी के रुप में चित्रित हैं जिसने हज़ार कष्टों के बावजूद हर परिस्थिती का अत्यंत दृढ़ विश्वास से सामना किया। वे उस वक्त के सबसे प्रतिष्ठित राज्यों में से एक की राजकुमारी थी। लेकिन ऐसा माना जाता था कि वह सामान्य बच्चों की तरह नहीं बल्कि आग से पैदा हुई थीं।
द्रौपदी के बारे में ऐसी कई अन्य बाते हैं जो आपको आश्चर्यचकित करेंगी।
तो देखिए क्या है द्रौपदी के छिपे हुए राज
आस्था
प्राचीन काल में भी द्रौपदी ने कभी भी चुपचाप दुखों को सहने में विश्वास नहीं किया और जब भी उनके साथ कोई दुर्व्यवहार हुआ तब उन्होंने न्याय के लिए अपनी आवाज उठाई। उन्होंने भीष्म, द्रोणा, कृपाचार्य और अपने पतियों जैसे महान योद्धाओं की निंदा की, जो उन्हें चीर-हारण के दौरान अपमान से नहीं बचा सके।
आग से हुआ था जन्म
द्रौपदी को अक्सर यज्ञसेनी के रूप में कहा जाता है, उनका जन्म एक सामान्य बच्चे के जैसे नहीं हुआ था। वह अपनी मां के गर्भ से पैदा नहीं हुई थी। इसके बजाय, वो एक वयस्क के रूप में आग से पैदा हुई थी।
काली का अवतार
दक्षिण भारत में सामान्य मान्यता है कि द्रौपदी महाकाली का अवतार थी, जो अभिमानी कौरवों को नष्ट करने के लिए भगवान कृष्ण की सहायता करने के लिए पैदा हुई थी।
कुत्तों को दिया था शाप
मान्यता के अनुसार पांडवों में से द्रौपदी के साथ एक समय में एक को ही रहने की इजाजत थी और कमरे में द्रौपदी के पास जाने से पहले उसे अपने जूते संकेत के रूप में बाहर रखना होता था। लेकिन एक दिन, एक कुत्ते ने युधिष्ठिर का जूता उठा लिया और किसी पांडव ने उन्हें युधिष्ठिर के साथ देख लिया। इससे क्रोधित होकर द्रौपदी ने कुत्तों को शाप दिया कि: “सभी कुत्तों को दुनिया के सामने सार्वजनिक रूप से संभोग करना होगा।”
द्रौपदी का रसोईघर
भारत भर में ‘द्रौपदी का रसोईघर‘ शब्द का अर्थ ऐसे रसोईघर से है जिसमें सब कुछ मौजुद हो। इस तरह का रसोई घर एक अच्छे घर निशानी है।
कुंवारी रहने का आशीर्वाद
द्रौपदी को पाँच पति होने के बावजूद कुंवारी रहने का आशीर्वाद प्राप्त था। वह जीवनभर कुंवारी ही रहीं और इसी अवस्था में वो आग से समा गई थी।
पतियों पर नहीं था भरोसा
अपने चीर-हरण के दौरान द्रौपदी भरी सभा में चिल्लाती रहीं लेकिन उनके पतियों में से किसी में भी उनके अपमान का बदला लेने का साहस नहीं था। इस वजह से वो अपने पतियों पर कभी भी विश्वास नहीं करती थी।
हिडिम्बा का बदला
भीम की पत्नी हिडिम्बा एक चुड़ैल थी। द्रौपदी ने उसके बेटे घटोत्कच को शाप दिया था और जिसका बदला लेने के लिए हिडिम्बा ने द्रौपदी को भी शाप दिया था। इस लड़ाई का अंत में पांडव वंश समाप्त हो गया।
अनूठी बात
जब द्रौपदी पाँचों पांडवों की पत्नी बनने के लिए राजी हो गईं थी तो उन्होंने एक शर्त रखी थी। उन्होंने कहा था कि वह अपने घर को किसी अन्य महिला से नहीं साझा करेगी।
भगवान कृष्णा उनके एकमात्र मित्र थे
भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने हमेशा अपना शाखा (दोस्त) माना। भगवान कृष्ण द्रौपदी के सच्चे दोस्त थे, जो चीर-हरण के वक्त उनके बचाव में आए थे।