जज से हनीप्रीत ने कहा मैं हूँ निर्दोष,कोर्ट ने भेजा 6 दिन की पुलिस रिमांड पर
चंडीगढ़: जिस हनीप्रीत की तलाश पुलिस पिछले 38 दिनों से कर रही थी, उसे आख़िरकार पुलिस ने दो दिन पहले गिरफ्तार कर लिया। राम रहीम की मुंहबोली बेटी और उसकी मुख्य राजदार को कल दोपहर में पंचकुला कोर्ट में पेश किया गया। उसकी पेशी को ध्यान में रखकर कोर्ट की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। पंचकुला कोर्ट ने हनीप्रीत से पूछताछ के लिए उसे 6 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने कोर्ट से 14 दिनों के लिए पुलिस रिमांड की माँग की थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 6 दिनों की ही रिमांड दी है।
जैसे ही हनीप्रीत को जज के सामनें पेश किया गया, वह गिडगिडाते और रोते हुए खुद को निर्दोष बतानें लगी। हनीप्रीत के ऊपर 25 अगस्त को राम रहीम के दोषी करार दिए जानें वाले दिन कोर्ट परिसर में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। केवल यही नहीं राम रहीम को कोर्ट से ही भगानें की साजिश रचनें का आरोप भी हनीप्रीत के ऊपर लगाया जा रहा है। जब हनीप्रीत को पुलिस गिरफ्तार करके पंचकुला सेक्टर 23 के थानें ले गयी तो सबसे पहले उसे पीनें के लिए चाय दिया गया।
दोषी होनें के आरोपों की ठुकराती रही हनीप्रीत:
जब हनीप्रीत ने चैन की साँस ली तो क्राइम अगेंस्ट वीमेन की आईजी ममता सिंह और एसीपी व एसआईटी प्रमुख मुकेश मल्होत्रा ने उसके आगे सवालों की झड़ी लगा दी। हनीप्रीत ज्यादातर पूछे जानें वाले सवालों के जवाब में चुप ही बैठी रही। हनीप्रीत से पुलिस ने लगातार 5 घंटे तक पूछताछ की और इस दौरान उससे 5 दर्जन सवाल पूछे गए। पूछताछ के दौरान हनीप्रीत हर समय अपने पापा (राम रहीम) का नाम ही लेती रही। दंगों में दोषी होनें के आरोपों को भी उसनें ठुकरा दिया।
पूछताछ के दौरान की सीनें में दर्द की शिकायत:
पकड़े जानें के बाद हनीप्रीत को पुलिस ने रात के करीब 1:30 पर उसकी एक सहयोगी सुखप्रीत के साथ पंचकुला सेक्टर 6 के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले गयी। बताया जा रहा है कि हनीप्रीत को पुलिस अस्पताल के पिछले रास्ते से निजी गाड़ियों में लेकर आयी थी। जब आईजी ममता सिंह ने उससे पूछताछ करनी शुरू की तो वह परेशान हो गयी। बाद में उसनें यह कहा कि उसके सीनें में दर्द है।
रात भर हवालात में रोती रही हनीप्रीत:
उसकी शिकायत के बाद पुलिस ने उसका मेडिकल जाँच करवाया। डॉक्टरों ने उसका विधिवत चेकअप किया। यह भी पता चला कि हनीप्रीत सारी रात जेल में बैठकर रोती रही। वह जेल की दीवारों को निहारते हुए पूरी रात जगी रही। जब पुलिस उसे जेल में ले जा रही थी, तो वह कैमरे से बचती हुई भी दिखाई दी। कभी यही हनीप्रीत कैमरा देखते ही पोज देने लगती थी। आज यह कैमरा सामनें आते ही मुँह छिपानें लगती है। रात में हनीप्रीत ने खाना भी नहीं खाया था।