भूलकर भी करवाचौथ के दिन ना करें ये काम, हो सकता है आपका दुर्भाग्य से सामना
भारत एक पारम्परिक देश है, यहाँ के लोग पहले से चली आ रही परम्पराओं के हिसाब से ही अपना जीवन जीते हैं। इन्ही में से एक परम्परा है जो विवाहित महिलाओं द्वारा निभाई जाती है। कार्तिक महीनें की कृष्णपक्ष की तृतीया को करवाचौथ का व्रत किया जाता है। सुहागन महिलाएँ यह व्रत अपने पति की लम्बी आयु के लिए करती हैं। पहले यह व्रत केवल महिलाएँ ही करती थी, लेकिन आज पुरुष भी खुशहाल वैवाहिक जीवन और परिवार के लिए यह व्रत करते हैं।
कपड़ों के चुनाव में बरतें काफी सावधानी:
यह व्रत निराजल रहकर किया जाता है, जो काफी कठिन होता है। इस व्रत को सभी लोग नहीं कर पाते हैं। हालांकि जो करते हैं उन्हें भी कुछ सावधानियों को बरतनें की जरुरत होती है। उनकी अनदेखी करना भविष्य में आपके लिए काफी महँगा पड़ सकता है। आपको जीवन में दुर्भाग्य का भी सामना करना पड़ सकता है। अक्सर आपने देखा होगा कि जो महिलाएँ करवाचौथ का व्रत करती हैं, वह दुल्हन की तरह तैयार होती हैं। करवाचौथ का व्रत करनें वाली महिलाओं को कपड़ों का चुनाव करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए।
करवाचौथ के दिन काले रंग के प्रयोग से बचें:
करवाचौथ का व्रत करनें वाली महिलाओं को भूलकर भी काले रंग का वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। यह नकारात्मक रंग माना जाता है और आपके पूजा में व्यवधान डालता है। सुहागन महिलाओं के लिए लाल रंग सबसे पवित्र माना जाता है। इसलिए इस दिन सुहागनों को सोलह श्रृंगार में लाल रंग के वस्त्र धारण करनें चाहिए। लाल रंग का सम्बन्ध शुभता से होता है। इस दिन कपड़े चूड़ियाँ सभी लाल रंग के ही धारण करनें चाहिए। पुरुषों को भी इस दिन कम से कम काले रंग का प्रयोग करना चाहिए।
सफ़ेद चीजों का दान भूलकर भी ना दें:
दान देना हमेशा ही अच्छा माना जाता है। करवाचौथ के दिन इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। लेकिन करवाचौथ के दिन दान देने वाली चीजों का ध्यान रखना चाहिए। जिन चीजों को सौभाग्य से जोड़ा गया है, उन चीजों का दान शुभ मौकों पर करना अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन किसी को भी दूध, सफ़ेद कपड़े, दही, सफ़ेद चावल या कोई ऐसी वस्तु जो सफ़ेद हो देने से बचना चाहिए।
चाँद की पूजा से पहले कर ले गौरी की पूजा:
भारतीय संस्कृति में बड़ो के आशीर्वाद के बिना कोई भी काम अधूरा माना जाता है, इसलिए करवाचौथ का व्रत करनें वाले पति-पत्नी दोनों को अपने से बड़ो का आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए। करवाचौथ के दिन अपने से बड़ों से किसी भी बात पर मतभेद करनें से बचना चाहिए। भूलकर भी बड़ो को अपशब्द ना कहें और उनका अपमान भी ना करें। करवाचौथ पर चाँद की पूजा का महत्व सबसे ज्यादा होता है।बिना चाँद की पूजा के यह व्रत पूर्ण ही नहीं होता है। लेकिन यह माना जाता है कि चाँद की पूजा से पहले गौरी की पूजा अवश्य कर लेनी चाहिए। चाँद निकलनें से पहले ही गौरी की पूजा कर लें।