विरोधियों को पीएम मोदी ने दिया करारा जवाब, कहा – कांग्रेस सरकार में 8 बार 5.7 से कम रही विकास दर
नई दिल्ली – अर्थव्यवस्था को विरोधियों और अपनी ही पार्टी के नेता के निशाने पर आ रही सरकार का पीएम मोदी ने बताव किया है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला करने वालों को अपने अंदाज़ में करारा जवाब दिया है। मोदी ने पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब विकास दर 5 तक आई हो, इससे पहले भी 6 सालों में 8 बार विकास दर 5.7 या उससे नीचे आई है।
UPA सरकार में 8 बार 5.7 से कम रही विकास दर
नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था को नुकसान बताकर केंद्र सरकार की आलोचना करने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि आर्थिक मंदी सिर्फ निराशावादियों के दिमाग की उपज है। पिछली सरकार में आठ बार ऐसा हुआ है जब विकास दर 5.7 फीसदी से नीचे आई हो, तब ये निराशावादी कहां थे। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार में पहली बार किसी एक तिमाही में विकास दर में कमी आई और इन लोगों ने आसमान ही सिर पर उठा लिया। ये लोग देश हित नहीं, बल्कि अपना हित साध रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए ये बाते कहीं। उन्होंने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है और सरकार उसे गति देने के लिए बड़े फैसले करने को तैयार है। आलोचकों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वो भूल गए हैं कि यह सरकार भारत को सबसे कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं की कतार से निकालकर सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करा चुकी है।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकार का स्वच्छता अभियान
पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारी सरकार के अच्छे फैसलों की वजह से आज अर्थव्यवस्था कम नकदी के साथ चल रही है। नोटबंदी के बाद नकदी का सकल घरेलू उत्पाद अनुपात 9 प्रतिशत हो गया है। उससे पहले यह 12 प्रतिशत से ज्यादा था। उन्होंने कहा कि, ‘‘मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम देश को आने वाले वर्षों में विकास की नई दिशा देने वाले हैं। हमने सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू करने की तारीख को भ्रष्टाचार मुक्ति दिवस के रूप में मनाये जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि यह नोटबंदी का ही नतीजा है कि तीन लाख से ज्यादा शेल (फर्जी) कंपनियों की पहचान की गई और उनमें से दो लाख से ज्यादा को बंद कर दिया गया है। नोटबंदी के बाद हर कोई कालाधन कमाने से डर रहा है।