घर के मुख्य द्वार पर बनाये गए ये 2 निशान दिला सकते हैं सभी परेशानियों से छुटकारा, जानिये कैसे
नकरात्मक और सकरात्मक उर्जा का महत्व हमें वास्तु शास्त्र या वास्तु विज्ञान में जानने को मिलता है. वास्तु शास्त्र में अनेकों ऐसे उपाय बताये गए हैं जिन्हें अपनाकर आप घर की नकारात्मकता या वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं. सकरात्मक उर्जा घर में खुशहाली लेकर आती है. इसके विपरीत नकारात्मक उर्जा दुःख और बीमारियों को बढ़ाती है. घर की यही ख़राब स्थिति घर में वास्तु दोष उत्पन्न करती है. कई लोगों को तो यह पता भी नहीं होता कि उनके घर में वास्तु दोष है. वह इस बात से अनजान रहते हैं और उनके घर का वातावरण हमेशा ख़राब रहता है. इसलिए आज हम आपको घर के मुख्य द्वार से जुड़ी कुछ ऐसी महत्वूर्ण बातें बताएंगे जो आपके वास्तु दोष को खत्म कर घर में खुशहाली ला सकती है.
घर का प्रवेश द्वार
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके घर में वास्तु दोष है या नहीं तो उसके लिए आप एक उपाय कर सकते हैं. उपाय के अनुसार घर के मुख्य द्वार से किसी नवजात शिशु को अंदर लेकर जाएं. यदि वह शिशु अंदर जाते ही रोने लग जाता है तो समझ जाना चाहिए कि घर पर वास्तु दोष का साया है.
वास्तु के पवित्र चिन्ह
यदि घर-परिवार में हमेशा तनाव का माहौल रहता है और घर के सदस्य बीमार रहते हैं तो इन सब चीज़ों से छुटकारा पाने के लिए वास्तु शास्त्र का एक बेहद सरल उपाय करना चाहिए. किसी भी घर का मुख्य द्वार वास्तु में बहुत अहमियत रखता है. वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार की दिशा और रंग का ख़ास ख्याल रखना चाहिए. इस दिशा के ज़रिये ही घर में अच्छी या बुरी उर्जा प्रवेश करती है. यदि चाहते हैं कि घर का माहौल हमेशा खुशनुमा बना रहे तो इसके लिए दरवाज़ों पर विशेष ध्यान दें. ख्याल रखें की दरवाज़ा सही दिशा में बना हो.
बनाएं दो निशान
यदि आपको घर या ऑफिस में वास्तु दोष के होने का अंदाज़ा हो तो प्रवेश द्वार के दोनों ओर ॐ या स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. इन चिन्हों को बनाने के लिए सिंदूर का इस्तेमाल करें अन्यथा बाज़ार से ॐ या स्वास्तिक चिन्ह के स्टीकर लायें और उन्हें द्वार के दोनों तरफ चिपका दें. यह दो चिन्ह वास्तु विज्ञान के अनुसार बेहद ही पवित्र माने गए हैं. इनके चिन्हों से घर में नकरात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करेगी. यदि कोई नकरात्मक उर्जा आती भी है तो वह दूर से ही अपना रास्ता बदल लेगी. घर का प्रवेश द्वार बनाते समय ध्यान रखें कि दरवाज़े हमेशा अंदर की ओर खुलने चाहिए. कहते हैं कि जिन घरों का प्रवेश द्वार बाहर की तरफ खुलता है वह अपने साथ घर की खुशियों को भी बाहर ले जाते हैं.