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इस पहाड़ के नीचे आज भी दफ्न है रावण का शव, नहीं किया गया था उस समय अंतिम संस्कार

तीन दिन पहले पुरे देश में दशहरा धूम-धाम से मनाया गया। दशहरा के बारे में कहा जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और सीता माता को मुक्त करवाया था। रामायण के समय की कई ऐसी रोचक कहानियाँ हैं, जिनके बारे में कम लोग ही जानते हैं। रावण का राज्य उस समय लंका में था, जो आज श्रीलंका के नाम से जाना जाता है। आज भी रावण से जुड़े कई तथ्य श्रीलंका में मौजूद हैं, जिनके ऊपर खोज चल रही है।

यह शोध डाल देगी पूरी दुनिया को हैरानी में:

रावण के वध से से जुडी हुई है ऐसी प्राचीन और रहस्यमयी कहानियाँ हैं, जिनके बारे में शायद ही कोई जनता हो। इसी विजयदशमी के दिन रावण के बारे में एक चौकानें वाली रिपोर्ट सामनें आयी है। यक़ीनन यह रिपोर्ट आपके साथ-साथ पूरी दुनिया को हैरानी में डाल देगी। यह शोध कहती है कि आज भी आज भी रावण हमारे बीच उपस्थित है, लेकिन मरी हुई अवस्था में। जी हाँ आप सही सुन रहे हैं, रावण का शव श्रीलंका में मौजूद है।

शोधकर्ताओं ने उस जगह को खोजा जहाँ स्थित थी सोने की लंका:

रावण के बारे में यह कहा जाता है कि वह इतना ताकतवर था कि उसका वध करनें के लिए खुद भगवान को मनुष्य का अवतार लेना पड़ा। उसका वध करके भगवान ने पूरी दुनिया को यह सन्देश दिया कि हर परिस्थिति में सच्चाई की ही जीत होती है। फिलहाल शोधकर्ताओं ने उस जगह को खोज निकाला है जहाँ रावण की सोने की लंका थी और जहाँ उसके मरनें के बाद शव को रखा गया था। इसी खोज के दौरान यह बात सामनें आयी कि रावण का शव एक गुफा में रखा गया था।

भारत भी कर रहा है श्रीलंका की मदद:

यह गुफा श्रीलंका के रैगला जंगलों के बीच में स्थित है। श्रीलंका के अंतर्राष्ट्रीय रामायण शोध संस्थान और वहाँ के पर्यटन मंत्रालय ने 50 ऐसी जगहों को खोज निकाला है, जिनका जिक्र रामायण में किया गया है। श्रीलंका सरकार उन तमाम जगहों को खोज कर और उनके ऊपर शोध करके उनकी ऐतिहासिकता सिद्ध करके उन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करनें की योजना बना रही है। श्रीलंका की इस योजना में भारत भी उसकी मदद कर रहा है।

रावण के शव का क्या हुआ, नहीं जानता कोई:

सभी लोग इस बात से परिचित होंगे कि जब भगवान राम ने रावण का वध किया था तो उसके शव को विभीषण को सौंप दिया था। लेकिन उसके बाद रावण के शव का क्या हुआ, किसी को पता नहीं चला। रामायण में यह कहा गया था कि रावण की मौत के बाद विभीषण लंका का राजा बना और अपने सभी परिजनों का अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन शोध कुछ और ही कहानी बयाँ कर रही है।

रावण ने इसी गुफा में की थी तपस्या:

जब रावण का शव विभीषण को दिया गया तो उसनें अंतिम संस्कार किया भी या नहीं, यह एक राज ही बना हुआ है। इसके बारे में कोई नहीं जानता है। यह दावा किया जा रहा है कि यहाँ एक रावण की गुफा मिली है, जिसमें उसनें तपस्या किया था। उसी गुफा में आज भी रावण के शव को रखा गया है। आपको बता दें रैगला के जंगलों में यह गुफा 8 हजार फूट की ऊँचाई पर स्थित है। इसके पहले भी हनुमान जी के पैरों के निशान देखे जानें की बात की जा चुकी है।

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