घर से निकलने से पहले क्यों खाई जाती है दही? जानिए आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व
आप हमेशा सुनते हैं कि घर से निकलते वक्त या किसी शुभ काम के लिए जाते वक्त दही खाकर ही निकलना चाहिए..ज्यादातर लोग ऐसा करते भी हैं.. पर क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों करते हैं। दरअसल हिन्दु धर्म सनातन धर्म है इसमें हर काम के करने के लिए कुछ नियम बनाए गए है और उन नियमों के पीछे शास्त्रीय और वैज्ञानिक दोनों वजहें होती हैं। दही खा कर घर से निकलने की प्रथा के पीछे भी ऐसी ही वजहें हैं और आज हम आपको वही बताने जा रहे हैं।
शास्त्रीय महत्व
हिंदू धर्म में दही को अमृत माना जाता है ..किसी भी धार्मिक आयोजन में पंचामृत बनाया जाता है जो दही के साथ दूध, घी, शहद और चीनी आदि पांच अमृतों को मिलाकर निर्मित किया जाता है। ये सभी तत्व हमारी सेहत के लिये बहुत लाभकारी होते हैं इस कारण पंचामृत के सेवन से स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। ।इसके सेवन से जातक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, सकारात्मक भाव, सकारात्मक विचार पैदा होते हैं जो किसी भी कार्य को करने के लिए और उसकी सफलता में सहायक होते हैं। इसीलिए दही को बेहद शुभ पदार्थ माना जाता है और किसी भी शुभ कार्य से जाने से पहले इसका सेवन करना श्रेष्ठकर समझा जाता है।
ज्योतिष के अनुसार
ज्योतिष के अनुसार सफेद रंग को चंद्र का कारक माना जाता है और चंद्र को मन का कारक माना जाता है। मान्यता के अनुसार कोई भी सफेद चीज खाकर घर से बाहर किसी काम के लिए जाने पर मन एकाग्रता से उस कार्य में लगता है। साथ ही घर से निकलते समय दही खाने से हमारे सभी नकारात्मक विचार समाप्त हो जाते हैं और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
शास्त्रों और ज्योतिष के अलावा किसी कार्य के वक्त जाने से पहले दही खाने का वैज्ञानिक और व्यवहारिक वजह भी है। वो ये कि दही सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है।इससे पाचन सुचारी रूप से होता है इसलिए घर से निकलते वक्त दही खाने की सलाह दी जाती है ताकि व्यक्ति अपच, एसीडिटी से बचा रहे वहीं दूध पी कर घर से निकलने के लिए मना किया जाता है क्योंकि ये एसीडिटी और पेट सम्बन्धी समस्याओं को बढ़ाता है।
जबकि दही से ना सिर्फ पेट सही रहता है बल्कि इससे जरूरी एनर्जी बनी रहती है। जिससे अगर आप कही बाहर जा रहें है तो आपका मन खुश रहता है और अगर मन खुश होता है तो किसी भी काम को अच्छे से किया जा सकता है। कई बार दही और चीनी दोनों को खाया जाता है, क्योंकि दही में खटास होती है तो वहीं चीनी में मिठास होती है। खट्टा-मिठा खाने से मन से बुरे विचार दूर हो जाते हैं।