प्रदेश के चिकित्सा मंत्री का अयोध्या मंदिर पर बड़ा बयान, राम मंदिर पहले भी था, आज भी है और कल भी रहेगा
इलाहबाद: उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भरोसा जताया है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में ही होगा। केवल यही नहीं 2019 से पहले वहाँ एक भव्य राम मंदिर का निर्माण भी किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी आकर यही कहेंगे कि वह राम मंदिर ही बनते हुए देखना चाहते हैं। वो यह बदलाव देख रहे हैं।
राम मंदिर पहले भी था, आज भी है और कल भी रहेगा:
आपको बता दें विश्वहिंदू परिषद् के कार्यालय परिसर में स्वामी ब्रह्म्योगानंद की पुस्तक “सम्पूर्ण भारत, परम वैभव भारत” का विमोचन करनें आये प्रदेश सरकार में चिकित्सा चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मेरे विचार से अयोध्या में राम मंदिर बहुत पहले से है और वहाँ हमें एक भव्य मंदिर बनवाना है। इसलिए यह प्रश्न नहीं उठता है कि राम मंदिर वहाँ है या नहीं। वह वहाँ पहले भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा।
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि अगर मुझसे कोई मेरे 3 अजेंडे के बारे में पूछे तो मैं पहले तीन तलाक, दूसरा राम मंदिर निर्माण और तीसरा अनुच्छेद 370 के बारे में बताऊंगा। हमारे देश में परिस्थितियाँ किस तरह से बदल रही है, यह देखें। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग पहले तीन तलाक को सही ठहराते थे आज वो उच्चतम न्यायालय के सामने इसे गलत बता रहे हैं। वह इसे ख़त्म करनें की भी बात कर रहे हैं।
जमीन लो और करवाओं राम मंदिर का निर्माण:
सिद्धार्थ सिंह ने दावा करते हुए यह भी कहा कि जो लोग पहले राम मंदिर को लेकर राजी नहीं थे, इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले से सहमत नहीं थे, उन्ही लोगों में से लगभग 90 प्रतिशत लोग आज सहमती दिखा रहे हैं। आज वही लोग यह कह रहे हैं कि जमीन लो और वहाँ एक भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाओ। परिस्थितियाँ बदल रही हैं। आपको बता दें योगी की सरकार बनते ही प्रदेश के हिन्दुओं को यह यकीन हो गया था कि राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अपने वक्तव्य के दौरान आगे कहा कि धर्मनिरपेक्षवाद का अर्थ है कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करनें और आस्था को जाहिर करनें का पूरा अधिकार हो। किसी भी देश को कुछ ख़ास संकेत और नारे एकता के सूत्र में बाँधते हैं। मैं इनमें से वन्देमातरम, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान को एक मानता हूँ। आज जो लोग धर्मनिरपेक्षवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्होंने इसे तोड़-मरोड़ दिया है और इसे बदल दिया है।