अभिनव बिंद्रा ने बताया भारत के रियो में पदक ना जीत पाने का कारण
एक पहर पहले भारत में यह बात चल रही थी कि रियो ओलंपिक में भारत कितने पदक जीत जाएगा। लेकिन अब बात चल रही हैं कि भारत विभिन्न क्षेत्रों के 118 उम्दा एथलीटों को भेजने के बाद भी केवल एक कास्य पदक अर्जित कर पाया
इस कठिन सवाल का जवाब भारत में ओलिंपिक के एकमात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा अपने एक ट्वीट से बड़ी ही आसानी से दे दिया।
Each medal costs the UK £5.5 million. That's the sort of investment needed. Let's not expect much until we put systems in place at home.
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) August 16, 2016
उन्होंने कहा कि, ” ब्रिटेन के लिए एक ओलंपिक पदक की लागत 55 लाख पाउंड है – मतलब प्रति 48 करोड़ रूपये का खर्च। तो अगर भारत रियो खेलों में 10 पदक चाहता था, तो उसे उन पदक विजेताओं पर कम से कम 480 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहिए था।
बिंद्रा ने अप्रत्यक्ष रूप से यह सवाल ओलंपिक्स से जुड़े उन अधिकारियों पर दाग रहे हैं, की क्या उन्होंने एथलीटों पर ऐसा कोई खर्च किया है जिसके बदले उनसे पदकों की उम्मीद की जाये?
भारत को ब्रिटेन से सीख लेनी चाहिए की किस तरह उसने खेलों से जुड़े बजट को बढ़ा कर अपने पदकों की संख्या भी बढ़ा ली। 2008 के बीजिंग खेलों से ही ब्रिटेन ने ओलिंपिक खेलों के लिए अपनी फंडिंग में 16% का इजाफा किया। जिसकी वजह से 1996 में एटलांटा खेलों में उन्होंने 34वें स्थान से 2012 के लंदन गेम्स में तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया, और अब रियो ने उन्हें दूसरे स्थान के पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है।
यह पहले ही बताया गया है कि अमेरिका अपने प्रत्येक एथलीट पर प्रतिदिन 22 रुपये का खर्च करता है, जमैका 19 पैसे और सिर्फ 3 पैसे प्रति दिन प्रति खिलाड़ी खर्चता है।