चीनी मीडिया का अपनी ही सरकार के खिलाफ बदला सुर, पहली बार उतरी सरकार के विरोध में
बीजिंग: चीन के बारे में किसी को कुछ भी बतानें की जरुरत नहीं है। चीन दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। इसके साथ ही यहाँ भारत की तरह लोकतंत्र नहीं है। चीन में कम्युनिस्ट सरकार है। वहाँ लोगों के ऊपर कई तरह के प्रतिबन्ध है। वहाँ की सरकार जो चाहती है, वह कड़ाई से लोगों के ऊपर थोप देती है। यह बात जगजाहिर है कि पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के रिश्ते कुछ ज्यादा ही खराब हो गए थे।
चीनी मीडिया ने विवाद ख़त्म होते ही बदले अपने सुर:
हालांकि अब भारत और चीन के बीच हो रहे डोकलाम विवाद थम चुका है। दोनों देशों ने आपसी सहमती से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटा लिया है। भारत के साथ डोकलाम विवाद ख़त्म होते ही चीनी मीडिया के सुर भी कुछ बदले-बदले दिखाई दे रहा है। आपको बता दें इससे पहले चीनी मीडिया ने कभी भी सरकार की खिलाफत नहीं की थी, यह पहली बार है जब चीनी मीडिया सरकार के विरोध में खड़ी हुई है। बुधवार को चीनी मीडिया ने कहा कि चीन को अपने पड़ोसियों के हितों का सम्मान करना चाहिए।
करना चाहिए पड़ोसियों के हितों का सम्मान:
चीन सरकार को द्विपक्षीय विवादों को सुलझाना चाहिए। इससे बीजिंग की वैश्विक प्रभाव कोशिश के विरोध को कम किया जा सकता है। हाल ही में ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, “हमें अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए, लेकिन हमें अपने पड़ोसियों के हितों का भी सम्मान करना चाहिए।“ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पड़ोसियों के साथ अपने विवाद का निपटारा करना चीन के लिए बहुत ही जरुरी है।
कर रहे हैं बीजिंग से फायदा लेने की कोशिश:
चीन को अपनी महत्वाकांक्षाओं को हासिल करनें के लिए कम से कम विरोध और ज्यादा से ज्यादा अपना समर्थन करनें की जरुरत है। भारत, वियतनाम, जापान और दक्षिणी चीन सागर क्षेत्र के अन्य पड़ोसी देशों पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए लेख में लिखा है कि चीन के कुछ पड़ोसी देश चीन से समुद्री और जमीनी विवाद को सुलझानें के लिए कड़ा रूप अपना रहे हैं। साथ ही वह बीजिंग से फायदा लेने की भी कोशिश कर रहे हैं।
जानकारी एक लिए आपको बता दें पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ समुद्री विवाद है, दक्षिणी चीन अगर पर चीन के किये जा रहे दावों को वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान ने जमकर विरोध किया है। भारत के साथ चीन का 3488 किमी लम्बी सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। हाल ही में डोकलाम में 73 दिनों तक चलनें वाला गतिरोध इसका तजा उदहारण है।