इन मामलो में मर्दो से ज्यादा दम रखती है महिलाएं, हेल्थ रिर्सच से हुआ खुलासा
आमतौर पर मर्द को ताकतवर और औरत को कमजोर समझा जाता है और महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा शारीरिक रूप से कमजोर माना जाता है। जब भी किसी ताकत वाले काम की बात आती है तो ये माना जाता है कि उन मामलों में महिलाओं की अपेक्षा पुरूष ही बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। पर ये पूरी तरह से सच नही है बल्कि कुछ शारीरिक काम ऐसे भी हैं जिसमें महिलाएं पुरूषों पर भारी पड़ती हैं।ये बात हम ऐसे ही नही कह रहे हैं बल्कि ये बात स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए शोध से साबित भी हो चुका है। आइए जानते हैं कौऩ से मामले हैं जिनमें महिलाएं पुरूषों पर भारी पड़ती हैं।
हाल ही में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूबीसी) के शोधकर्ता द्वारा किए गए शोध में ये बात सामने आई है कि स्टैमिना, दौड़,वजन उठाने जैसे कामों में पुरूषों कि अपेक्षा कम थकती हैं।आइए विस्तार उन सभी कार्यों के बारे में जानते हैं जिसमें महिलाएं ज्यादे बेहतर साबित होती हैं और ऐसा क्यों होता है।
पुरूषों से ज्यादा स्टैमिना होती है महिलाओं में
जब स्टेमिना की हो तो महिलाएं , पुरुषों को पीछे छोड़ देती हैं.. ऐसा एक हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में दावा किया गया है। कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर शोध किया और पाया कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं में व्यायाम के बाद कम थकान होती है।इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने अध्ययन में एक ही उम्र और बैकग्राउंड के महिलाओं और पुरुषों को शामिल किया था।
यूबीसी के एसिस्टेंट प्रोफेसर ब्रायन डाल्टन ने कहा कि इस अध्ययन के बाद यह पता चला कि महिलाओं की मांसपेशयों का स्टेमिना पुरुषों के मुकाबले अच्छा होता है। खासतौर से अगर वजन उठाकर उसे कुछ देर तक स्थिर रखने की बात हो तो इस मामले में महिलाओं का प्रदर्शन पुरुषों की तुलना में बेहतर है।
पुरूषों से ज्यादे जीने का दम रखती है महिलाएं
आमतौर पर पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की उम्र 5 फीसदी अधिक होती है .. ये परखा जा चुका है कि औसतन तीन साल ज्यादे जीती हैं महिलाएं। शोध से ये बात बात सामने आ चुकी है कि ऐसा प्रतिरक्षा प्रणाली और सेक्स हार्मोन के कारण होता है। दरअसल महिलाओं में परूषों की अपेक्षा प्रतिरोधक क्षमता अधिक पाई जाती है जिससे वो घातक बीमारियों से मर्दों की अफेक्षा बची रहती हैं और लम्बी आयु तक जीती हैं। दूसरी ओर महिलाओं का सेक्स हार्मोन भी उनके लिए बेहतर साबित होता है.. असल में ओस्ट्रोजेन नामक यह हार्मोन एंटीआक्सीडेंट होता है, यह शरीर की कोशिकाओं पर दबाव लाने वाले हानिकारक रासायनों को नष्ट कर देता है।