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जब प्रमोद कुमार के ६ साल की बिटिया आरन्या ने दी पिता को आखिरी सलामी ..!

जामताड़ा जिला, झारखण्ड के रहने वाले प्रमोद कुमार सीआरपीएफ के कमांडेंट थें, जिनकी 15 अगस्त की सुबह को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से होने वाली मुठभेड़ में मौत हो गयी। सोमवार को सुबह 08:29 पर प्रमोद में तिरंगा फहराया और उसी दौरान उन्हें एनकाउंटर की खबर मिली। वह तुरंत अपना कार्यक्रम ख़त्म कर के साइट ओर निकल लिए, लेकिन वहाँ पहुचते ही गाड़ी से उतरते वक़्त प्रमोद आतंकियों की गोली का शिकार हो गए।

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प्रमोद के साथियों ने बताया कि, “सोमवार की सुबह को ही मुठभेड़ से ठीक एक घंटे पहले प्रमोद ने झंडारोहण कार्यक्रम में शहीदों के नाम गिना कर एक जोशीली स्पीच दी और अपने साथियों का हौसला बुलंद किया।”

प्रमोद ऐसे ऑफिसर्स में से थे जो हर सर्च ऑपरेशन में सबसे आगे रहतें और अपने साथियों का हौसला बढ़ातें और उनका नेतृत्व भी करतें। प्रमोद सीआरपीएफ ककी 49वीं बटालियन के इंचार्ज भी थें।

प्रमोद के छोटे से परिवार में अब सिर्फ उनके माँ-बाप, पत्नी और एक 6 वर्ष की बच्ची रह गए हैं।

इस मुठभेड़ में सैन्य बलों ने 2 आतंकियों को मार कर ढ़ेर कर दिया, लेकिन 5 जवानों के घायल होने की भी खबर है। मुख्यमंत्री ने कमांडेंट की शहादत पर शोक जताते हुए कहा कि उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा।

 

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