रोहिंग्या बहुल इलाके में रोहिंग्या आतंकियों द्वारा हिंदुओं के साथ किया गया ऐसा काम, जिसे जान कर..
नई दिल्ली – म्यांमार के उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में हिंसा भड़की हुई है, जिससे बचने के लिए करीब 60,000 रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश भाग रहे हैं। वहीं आकड़ों के मुताबिक इस वक्त भारत में करीब 40000 रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं। जिनको लेकर मोदी सरकार काफी सख्त दिख रही है। तमाम दबावों के बावजूद मोदी सराकर उन्हें भारते से निकालने कि तैयारी कर रही है। सरकार का तर्क है कि वो भारत में आंतकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं।
रोहिंग्या आतंकियों द्वारा मारे गए हिंदु
समाचार एजेंसी एएफपी ने आज म्यांमार सेना कि ओर से जारी एक बयान में कहा है कि उन्हें रोहिंग्या आतंकियों द्वारा मारे गए 28 हिंदुओं की सामूहिक कब्र मिली है। यह इलाका रोहिंग्या मुस्लिम बहुल है। सेना ने आशंका जताई है कि पिछले कई सालों से म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या आतंकियों ने इन हिन्दु परिवारों को मौत के घाट उतारा है। भारत में आकड़ों के मुताबिक करीब 40000 रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं। इनके आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण ही मोदी सरकार उन्हें भारते से निकालने के लिए काफी सख्त दिख रही है।
रोहिंग्या भारत के लिए क्यों खतरा है?
बांग्लादेश में भुखमरी तथा जनसंख्या विस्फोट और भोजन, पानी एवं रोजगार कि कमी के कारण रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत की ओर आना शुरु किया। रोहिंग्या मुसलमानों ने अपने लिए भारत के पूर्वी क्षेत्रों में डेरे बनाए। रोहिंग्या जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, यूपी, दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं। अनुमान है कि भारत में इस वक्त करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान हैं। इसीलिए रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति मोदी सरकार ने कड़ा रूख अपनाया है और उन्हें वापस भेजने की तैयारी कर रही है।
‘मिर्ची बम’ इस्तेमाल करेगी सेना
म्यांमार से भागकर भारत में रोहिंग्या मुस्लमानों को रोकने के लिए के लिए सेना ने उनपर मिर्ची स्प्रे का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर स्टेन ग्रेनेड का भी प्रयोग किया जा सकता है। सेना मिर्ची स्प्रे और स्टन ग्रेनेड उनकी घुसपैठ को रोकने के लिए पर्याप्त हैं। हालांकि, बीएसएफ ने साफ किया है कि वे घुसपैठ की कोशिश करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को शारीरिक चोट नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जाएगा।