बचना चाहते हैं कान, नाक और गले के संक्रमण से, तो रखें इन बातों का विशेष ध्यान
कान, नोज़ और थ्रोट (ENT) संक्रमण सामान्य बात है. बच्चा हो या बड़ा कोई भी इससे प्रभावित हो सकता है. आमतौर पर इसके लक्षण नाक में ही दिखते हैं (इसमें गाल में दर्द के साथ नाक से गाढ़ा बलगम निकलना, नाक बहना, सिरदर्द, बुखार और किसी तरह की गंध ना आना आदि होता है). गले में यह लक्षण दर्द, बुखार और पदार्थ को निगलने में परेशानी के तौर पर दिखते हैं. कान में से तरल पदार्थ बहना, सुनने में परेशानी होना, दर्द या सूजन भी इसी संक्रमण में आते हैं.
कान, नाक और गले को स्वस्थ रखने के उपाय
# अधिकतर यह जुकाम से शुरू होता है. इसलिए जुकाम के शुरुवाती स्तर पर ही भांप ले लें, इससे संक्रमित बलगम बाहर निकल जाएगा.
# तैराकियों को ईयर प्लग और चश्मा पहन कर तैराकी करनी चाहिये. अगर इसके बिना तैराकी करेंगे तो आंख और कान का संक्रमण हो सकता है.
# गले में खराश और सामान्य संक्रमण में गुनगुने पानी में नमक डाल कर गरारे करना फ़ायदेमंद होता है. दिन में दो से तीन बार ऐसा करें. इससे रक्त संचार भी नियमित होता है.
# यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है या फिर आप जुकाम आदि से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से प्रभावित हो जाते हैं, तो भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से परहेज़ करें.
# यदि आप जुकाम से गंभीर रूप से पीड़ित हैं तो हवाई यात्रा ना करें. इससे संक्रमण बढ़कर साइनस और कान को प्रभावित कर सकता है.
# संक्रमण से बचने के लिए नशे वाली चीज़ों का सेवन करने से बचना चाहिए. धूम्रपान और शराब पीने से साइनस का संक्रमण बढ़ जाता है.
# संक्रमण से बचने के लिए फलों और सब्जियों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए. इसके विपरीत डेयरी उत्पाद का सेवन कम करना चाहिए.
नाक, कान और गले के संक्रमण का अगर शुरुवात में इलाज ना किया जाए तो यह गंभीर रूप ले लेता है. इसलिए यदि आपको लगता है कि आपको ENT संक्रमण है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.