रोहिंग्या मुस्लमानों पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, घुसपैठ रोकने के लिए इस्तेमाल होगा ये ‘बम’
नई दिल्ली – भारत सराकर रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर काफी सजग दिख रही है। देश में सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। पिछले दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि दो हजार रोहिंग्या अवैध रुप से भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। इसे लेकर देश के सभी राज्यों में अलर्ट कर दिया गया है। सेना ने बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है और रोहिंग्या मुस्लमानों को देश में घुसने से रोकने के लिए बीएसएफ जवान को चिली स्प्रे और स्टन ग्रेनेड (बेहोश करने वाले ग्रेनेड) का इस्तेमाल करने की छुट दी गई है।
रोहिंग्या पर ‘मिर्ची बम’ इस्तेमाल करेगी सेना
म्यांमार से भागकर भारत में घुसपैठ करने कि कोशिश करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को रोकने के लिए सेना ने उनपर मिर्ची स्प्रे का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर स्टेन ग्रेनेड का भी प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि, बीएसएफ ने साफ किया है कि वे घुसपैठ की कोशिश करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को शारीरिक चोट नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जाएगा। सेना मिर्ची स्प्रे और स्टन ग्रेनेड उनकी घुसपैठ को रोकने के लिए पर्याप्त हैं।
राजनाथ सिंह रोहिंग्या को बताया अवैध प्रवासी
राजनाथ सिंह ने रोहिंग्या को शरणार्थी नहीं बल्कि अवैध प्रवासी बताया है। उन्होंने कहा है कि जब म्यांमार, रोहिंग्या मुस्लमानों को वापस लेने के लिए तैयार है तो बाकी लोग इसपर आपत्ति क्यों जता रहे हैं। यह बात गृह मंत्री ने म्यांमार से पलायन कर भारत आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के संबध में कही। आपको बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त देश में तकरीबन 40 हजार रोहिंग्या मुस्लमान रह रहे हैं।
भारत के लिए क्यों खतरा है रोहिंग्या?
रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में भुखमरी तथा जनसंख्या विस्फोट और भोजन, पानी एवं रोजगार कि कमी के कारण भारत का रुख किया। इन लोगों ने भारत के पूर्वी क्षेत्रों में अपना डेरा जमाया। रोहिंग्या जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, यूपी, दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं। अनुमान है कि भारत में इस वक्त करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं। हालांकि, रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति मोदी सरकार ने कड़ा रूख अपनाया है और उन्हें वापस भेजने की तैयारियां भी चल रही हैं।