मंदिर जंहा उतारा जाता है आशिकी का भूत, इश्क की मार खाए भक्तों की लगती है भीड़
यूं तो लोग मंदिर पूजा पाठ के लिए जाते हैं.. कुछ लोग मान मनौती,मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान के दर पर माता टेकते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर में लेकर चलेंगे जो शायद अपने आप में अनूठा मंदिर है जहां प्रेमी प्रेमिकाओँ को उनके मां बाप लेकर आते हैं। वो भी उनके सिर से आशिकी का भूत उतारने के लिए।
जी हां सुनकर अजीब लगा होगा क्योंकि इससे पहले आपने मंदिरों की दीवारों पर इश्क के नाम पर आशिकों के नाम लिखे देखे होंगे लेकिन ये मंदिर अपने आप में अलग पहचान और ख्याति रखता है। तो आईए चलते हैं इस मंदिर और जानते हैं आखिर क्यों इसे आशिकी का भूत उतारने वाला कहा जाता है।
युवक और युवतियों को लाते हैं उनके परिजन
यूपी के सहारनपुर बेहट रोड पर स्थित इस हनुमान के मंदिर से कई परिवार खुश होकर जा चुके हैं।बेहट रोड पर हनुमान जी के बाल स्वरूप श्री बालाजी महाराज का मंदिर है। मंगलवार और शनिवार को यहां खास पूजा की जाती है।बताया जाता है कि मंदिर में परिवार के सदस्य ऐसे युवक और युवतियों को लाते हैं, जिनके सिर पर प्यार का भूत सवार होता है। और जो आशिकी के कारण अपने परिवार को परेशान करते रहते है। आशिकी से परेशान घरवालें इस अनोखें मंदिर पर उन आशिको का भूत उतारने जाते है।
आशिकी का भूत उतारने के लिए होती है विशेष पूजा
बालाजी के इस मंदिर की स्थापना करीब 8 साल हुई थी। यहां पर बालाजी महाराज श्रीराम के साथ-साथ अपनी सहयोगी शक्ति श्री काल भैरव और श्री प्रेतराज सरकार के साथ विराजमान हैं। लोग कहते हैं कि तीनों शक्तियां अपने भक्त का परम कल्याण कर रही हैं।मंदिर के संस्थापक अतुल जोशी महाराज यहां हर शनिवार और मंगलवार को एक विशेष प्रकार की पूजा करते हैं। अतुल जोशी ही युवक-युवतियों की समस्या के समाधान के लिए परिजनों से पूजा करवाते हैं। और आशिकी का भूत जिन बच्चों पर रहता है उनके सर से ये भूत उतारने का काम करते है।
जिस समय यह पूजा होती है, उस समय केवल संबंधित युवक और युवती के परिजन ही होते हैं। अतुल जोशी परिजनों को कुछ उपाय भी बताते हैं। उनका मानना है कि इन उपायों को करने के बाद समस्या हल हो जाती है। और यही आस्था लोगो को उस और खींच कर आती है। इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को खास भीड रहती है और वो भी आशिकी से परेशान परिवार वालों की।