जानिए आखिर क्यूँ गांधी जी ने आज़ादी का जश्न नहीं मनाया था !!
अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले की सलाह पर उन्होंने पहले भारत घूमा बाद में 1919 में बिहार के चंपारण से जमीन पर आंदोलन की शुरुआत की। जिस राष्ट्रध्वज को आज सारा देश शान से फहराता है, शुरूआत में उसी तिरंगे को महात्मा गांधी ने अस्वीकार कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया था कि यदि इस तिरंगे को राष्ट्रध्वज घोषित किया गया तो मैं इसे सलाम नहीं करूंगा। गांधी तिरंगे के बीच में चरखा हटाकर ‘अशोकचक्र’ को शामिल करने से बेहद खफा थे।
आइए आपको बताते हैं कि भारत का राष्ट्रध्वज किसने बनाया। इस महान व्यक्ति का ना है पिंगाली वैंकैया और यह 2 अगस्त को 1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपत्तनम में पैदा हुए थे। पिंगाली वैंकैया ने लगभग 30 देशों के राष्ट्रध्वजों का निरीक्षण और अध्धयन किया और इसके बाद में अपने देश के राष्ट्रध्वज की रूप रेखा तैयार की। उन्होंने हिन्दुओं के प्रतीक रंग के रूप में लाल रंग का चयन किया था। बाद में इसे केसरिया किया गया।
आइए आपको बताते हैं कि भारत का राष्ट्रध्वज किसने बनाया। इस महान व्यक्ति का ना है पिंगाली वैंकैया और यह 2 अगस्त को 1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपत्तनम में पैदा हुए थे। पिंगाली वैंकैया ने लगभग 30 देशों के राष्ट्रध्वजों का निरीक्षण और अध्धयन किया और इसके बाद में अपने देश के राष्ट्रध्वज की रूप रेखा तैयार की। उन्होंने हिन्दुओं के प्रतीक रंग के रूप में लाल रंग का चयन किया था। बाद में इसे केसरिया किया गया।