15 साल पहले मर चुका था ये शख्स, परिवार वाले आत्मा लेने पहुंचे अस्पताल
विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि आज के युग को विज्ञानं के युग से जाना जाता है. कोई भी क्षेत्र हो भारत ने हर देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. भारत देश भले ही कितना आगे निकल गया हो पर अब भी कुछ गांव ऐसे हैं जो विकास के नाम पर बहुत पीछे हैं. गांव में आज भी रुढ़िवादी प्रथा देखने को मिल रही है और वहां के लोग आज भी जादू-टोना जैसे अंधविश्वास पर यकीन रखते हैं. ऐसा ही एक अंधविश्वास का मामला कोटा के एमबीएस अस्पताल में देखने को मिला.
हुआ यूं कि कुछ लोग अचानक से हॉस्पिटल में आकर तांत्रिक क्रिया शुरू करने लग गए. वहां के लोग ये सब देख कर हैरान रह गए. हॉस्पिटल के सोनोग्राफी सेंटर में ही ये लोग पूजा-पाठ करने लगे. अस्पताल प्रशासन के मना करने के बावजूद ये लोग नहीं मानें और अपना काम करते रहे. अस्पताल में कई घंटों अंधविश्वास का यह खेल चलता रहा. लेकिन ये लोग ऐसा क्यों कर रहे थे? इसके पीछे की क्या वजह थी? आईये हम आपको बताते हैं.
दरअसल यह लोग 15 साल मरे एक परिजन की आत्मा वापस लेने आये थे. जी हां, आपने सही सुना. परिजनों के मुताबिक 15 साल पहले उनके परिवार के हरिराम की इसी अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. पर मरने के बाद भी उसकी आत्मा इन लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही थी जिस वजह से परिवार वाले परेशान रहते थे. इसलिए बूंदी जिले के छोटे से गांव के कुछ लोग आये और पूरी रीती रिवाज़ के साथ हॉस्पिटल के सोनोग्राफी सेंटर में तांत्रिक क्रिया करने लगे. तांत्रिक क्रिया करने के बाद उन्होंने एक ज्योत में मृतक की आत्मा को साथ ले जाने का दावा किया. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जब उन्हें यह कार्य करने से रोका गया तो वह झगड़े पर उतारू हो गए और पुलिस बुलाने की धमकी देने पर वहां से गए.