वाइफ स्वैपिंग के लिए हुआ ये कांड, रसूखदारों के सामने पत्नी को पेश करना चाहता था शराब माफिया
कभी यूपी के शराब किंग पोंटी चड्ढ़ा का करीबी रहा, करोड़पति संजय केडिया की काली करतूत अब खुलने लगी है। यूपी की राजधानी लखऩऊ में छह गोली लगने के बाद मौत के मुंह से लौटी पत्नी ने पति संजय केडिया के बारे में सनसनी खेज खुलासे किए हैं। पत्नी ने घर वालों को बताया है कि संजय केडिया पत्नी मोनिका को अपने दोस्तों की फैमिली के साथ ट्रिप पर ले जाया करता था। वहां शराब पीने के बाद उस पर वाइफ स्वैपिंग (पत्नियों की अदला-बदली) का प्रेशर डालता था। उसके मना करने पर उसे मारता-पीटता था. हालांकि, शराब का नशा उतरते ही माफी भी मांग लेता था. ये बातें मोनिका ने फैमिली से कभी शेयर नहीं की. लेकिन जब दोनों में अलगाव बढ़ा, तो उसने ये बातें अपने घर वालों को बताई।
पत्नी की सुपारी देकर शूटरों से मरवाई थी 6 गोलियां
पूरा मामला तब सामने आया था जब बीते 6 मई को मिनी लिकर किंग के नाम से मशहूर संजय केडिया की दूसरी पत्नी मोनिका पर दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। जिसमें उसे छह गोलियां लगी थी। जिसके बाद करीब तीन महीने तक अस्पताल में रही मोनिका ने संजय केडिया के बारे में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि संजय केडिया उसके ऊपर जुल्म ढ़ाता था। कई बार शराब के नशे में उसके साथ मारपीट करता था और दोस्तों के साथ सोने को मजबूर करता था, जिससे नाराज मोनिका ने जब विरोध करने की ठानी और अलग रहने लगी। तो पति संजय केडिया ने पांच लाख रुपए में पूर्वांचल के दो शूटरों को पत्नी की हत्या की सुपारी दे दी थी। जिसके बाद शूटरों ने मोनिका को छह गोलियां मार कर मौते के घाट उतारने का पूरा इंतजाम कर लिया था।
10 हजार में करता था सेल्समैन की नौकरी
संजय केडिया के बारे में बताया जाता है कि लिकर किंग पोंटी चड्ढा का बिजनेस नहीं था, तब संजय केडिया उसकी कंपनी के लिए गोरखपुर और देवरिया में सेल्समैन का काम किया करता था. संजय को उस समय कमीशन से ही 10 हजार रुपए महीना मिला करता था. वो स्कूटर से शराब की दुकानों पर जाकर ऑर्डर लिया करता था. यही नहीं, पोंटी चड्ढा की फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए भी वो कस्बे, गांव-देहात में फिल्मों की रील भी पहुंचाता था.
2008 से बदली किस्मत
संजय केडिया की किस्मत 2008 से बदली, जब मायावती सरकार में पोंटी चड्ढा को यूपी में शराब का होलसेल का ठेका मिला और खनन का पट्टा मिला. लंबे समय से वो चड्ढा की कंपनी से जुड़ा था, जिसका उसे फायदा मिला. उसे गोरखपुर हेड बना दिया गया. यहीं से उसकी किस्मत पलट गई. अभी तक जो शराब की दुकान 3 से 4 पर्सेंट कमीशन देकर मिल जाया करती थी. उसने 8 से 10 फीसदी कमीशन लेना शुरू कर दिया.
वह कमीशन का कुछ हिस्सा खुद रख लेता. यहीं नहीं, उसने 25 से 30 जिलों में अपने जानने वालों को शराब के ठेके दिलवाए और उनसे मोटा कमीशन लिया. यही काम उसने खनन में भी किया. इसके बाद देवरिया से लेकर गोरखपुर और लखनऊ में अपना घर बनवाया. आज केडिया की कंपनियों का 100 से 200 करोड़ का सालाना टर्नओवर है.