गुरुवार से शुरू होगी नवरात्रि, भूलकर भी नहीं करें ये काम, वरना माता रानी होंगी नाराज़
हिंदू मान्यता में नवरात्री के नौ दिनों को काफी शुभ माना जाता है। इन 9 दिनों में कुछ खास नियमों का पालन करना जरुरी होता है। इन दिनों व्रत करने वालों को इन नियमों को मानना आवश्यक होता है। जो इन नियमों का पालन नवरात्र के दौरान व्रत नहीं करता उसको अशुभ परिणाम मिलते हैं।
शुद्धता एवं पवित्रता का रखें ध्यान
इन 9 दिनों के दौरान दाढ़ी मूछ आदि नहीं बनानी चाहिए, इसके अलावा, बच्चे का मुंडन भी नहीं करवाना चाहिए। नवरात्रि के 9 दिनों तक कलश या माता की चौंकी हो तो घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए। इसके अलवा इन दिनों में बार-बार पानी पीने, दिन में सोने और संभोग करने से बचे।
नवरात्र के दिनों में न करें विवाह
9 दिनों के दौरान विवाह करना अशुभा माना जाता है। इसके पीछे वजह ये है कि विवाह का मूल उद्देश्य वंश वृद्घि यानी संतान की उत्पत्ति होती, लेकिन नवरात्र के दिनों में काम या संभोग कि मनाही होती है।
रात्रि में करें मां की आराधना
हिन्दु शास्त्रों के मुताबिक नवरात्र के दिनों में रात के समय मां दुर्गा की पूजा को अधिक फलदायी माना गया है। क्योंकि देवी मां रात्रि का स्वरुप हैं। इसलिए नवरात्र में रात को देवी की अराधना करना शुभ फलदायी माना गया है।
संभोग से दुर रहें व ब्रह्मचर्य का पालन करें
9 दिनों तक शारीरिक संबंध या संभोग से दुर रहना चाहिए। इसके अलावा, इन दिनों किसी की बुराई या किसी भी प्रकार कि मारपीट से दुर रहना चाहिए। ऐसा न करने से सात्विक ऊर्जा का नाश होता है।
सात्विक भोजन करें
प्याज-लहसून तथा छौंका लगा हुआ भोजन न करें। इस दिनों सात्विक भोजन करना ही उत्तम होता है। प्याज, लहसुन का बिल्कुल प्रयोग न करें। इसके अलावा, तेज और तीखे मसाले, मांसाहार, मदिरा आदि न ग्रहण करें।
आपको यहां बता दें कि नवरात्री में रात्री शब्द इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि नवरात्री की पूजा का महत्व रात में ज्यादा होता है। गौरतबल है कि नवरात्री हर साल दो बार आती है। इन दिनों मां दुर्गा कि आराधना कि जाती है। जो लोग इन 9 दिनों का व्रत रखते हैं उनको मनचाह फल प्राप्त होता है। साल कि पहली नवरात्री विक्रम संवत के पहले दिन यानि चैत महीने शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को और दुसरी नवरात्री ठीक छह महीने बाद अश्विन महीने शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को शुरु होती है।