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यात्रीगण ध्यान दें : रेलवे के इस नए नियम से उड़ जाएगी आपकी नींद, अब जागकर करनी होगी…

नई दिल्ली – ट्रेनों भारतीय में यात्रा का सबसे बड़ा साधन है। इसीलिए हर दिन करोड़ों लोग ट्रेनों के माध्यम से सफर करते हैं। लेकिन, अब रेलवे से सफर करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। रेलवे ने आज एक नया नियम लागू करते हुए रेल यात्रियों को थोड़ा परेशान करने वाला नियम लागू किया है। दरअसल, ट्रेन में यात्रियों के सोने को लेकर होने वाले झगड़ों को देखते हुए रेलवे ने आरक्षित सीटों पर यात्रियों के सोने के समय में कटौती कर दी है। indian railways cuts down sleeping hours.

यात्रियों के सोने के समय में एक घंटे की कटौती

दरअसल, रेल में सफर करने के दौरान अक्सर सोने को लेकर होने वाले झगड़े होते देखते हुए तथा इस तरह के झगड़े को कम करने के लिए रेलवे ने सोने के समय को एक घंटा कम दिया है। 31 अगस्त को जारी रेलवे बोर्ड के सर्कुलर के मुताबिक आरक्षित डिब्बों के यात्रियों को अब अपनी नींद रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक के बीच ही पूरी करनी होगी।

रेलवे ने यह बदसाव इसलिए किया है ताकि अन्य लोगों को सीट पर बाकी बचे घंटों में बैठने की सुविधा मिल सके। आपको बता दें कि इससे पहले रेलवे में सोने का आधिकारिक समय रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक का था। 31 अगस्त को जारी इस सर्कुलर के मुताबिक, आरक्षित  डिब्बों में सोने की सुविधा अब रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है कि बाकी बचे समय में दूसरे आरक्षित यात्री इस सीटों पर बैठ सकें।

इन यात्रियों को मिलेगी छूट

इस सर्कुलर में बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिला जैसे कुछ निश्चित यात्रियों को छूट दी गई है। ऐसे मामले में इनपर यह नियम लागू नहीं होगा। हालांकि, इनसे सहयोग का आग्रह करते हुए बैठने की जगह मांगी जा सकती है। लेकिन, अगर वे चाहें तो ज्यादा समय तक सो सकते हैं। इस नए प्रावधान को लागू करते हुए भारतीय रेलवे वाणिज्यिक नियमावली, खंड एक के पैराग्राफ 652 को हटा दिया गया है।

आपने अक्सर रेल यात्रा के दौरान देखा होगा कि कुछ यात्री ट्रेन में चढ़ते ही अपनी सीट पर सो जाते हैं। वो दिन रात कि परवाह किये बिना अपनी सीट पर सोये रहते हैं। इससे लोअर या मिडल की सीट के यात्रियों को परेशानी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। इससे अब टीटीई भी अनुमति वाले समय से अधिक सोने से संबंधित विवादों को सुलझा सकेंगे।

 

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