किसानों की ‘कर्जमाफी’ के नाम पर उड़ाया जा रहा है उनका मज़ाक? जानिए क्या है सच
लखनऊ – ‘किसानों की कर्जमाफी’ के वादे को यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी और खुद पीएम मोदी कि सबसे बड़े चुनावी वादा माना जा रहा था। इसी कर्जमाफी को लेकर इन दिनों बीजेपी, मोदी और यूपी के सीएम योगी पर सवाल उठाये जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ किसानों को महज चंद रुपये की ऋणमाफी का प्रमाण पत्र वायरल हो कहा है, जिसे किसानों के साथ मजाक बताया जा रहा है। तो जानिए क्या है कर्जामाफी का पूरा सच। Reality of farmers farmers debt waiver.
क्या है कर्जमाफी की हकीकत?
किसानों की कर्जामाफी पर उड़ाये जा रहे मजाक कि असलियत विशेषज्ञों ने बताई है। उनका मानना है कि सरकार और किसान दोनों ही अपनी-अपनी जगह सही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकार से वहां गलती हुई जहां किसानों पर मात्र 19 या 50 पैसे का कर्ज था और उन्हें कर्जमाफी का प्रमाण पत्र दे दिया। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं। मान लिजिए किसी किसान पर 70 हजार रुपये का कर्ज है, जो ब्याज लगने पर 70,150.19 रुपये हो जाता है। किसान ने 70,150 रुपए का कर्ज चुका दिया, लेकिन बाकी बचे 19 पैसे नहीं दिए। और जब योगी सरकार आई तो कर्जमाफी के तहत यही 19 पैसे माफ हो गए। यानि किसान पर जितना कर्ज था उतना माफ हो गया।
झूठी है किसानों की ‘कर्जमाफी के मजाक’ की ख़बर
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि गड़बड़ कहा हुई है। किसानों की कर्जमाफी के नाम पर मजाक के जो दावे किये जा रहे हैं वो पूरी तरह से झूठे हैं। यह बस एक सरकारी अधिकारियों कि गलती है। आपको बता दें कि प्रदेश में अब तक 11.9 लाख किसानों को 7,317 करोड़ रुपये की ऋणमाफी के सर्टिफिकेट दिए गए हैं। जिनमें से करीब 11.25 लाख किसानों का 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये के बीच का कर्ज माफ हुआ है।
सरकार ने समझाई पूरी गणित
इस बवाल को बढ़ता देख यूपी सरकार ने लाभ पाने वाले किसानों का पूरा विवरण जारी किया है। इस विवरण के मुताबिक 1 रुपए से 100 रुपए तक जिन किसानों का कर्ज माफ हुआ है उनकी संख्या 4814 है। इसी तरह 100 से 500 रुपए तक के किसान 6895 हैं। 500 से 1000 रुपए के बीच 5553 किसानों का कर्जा माफ हुआ है। 41690 किसानों का 10 हजार रुपए तक का कर्ज माफ हुआ है। इसी तरह 10 हजार से ऊपर के 11.27890 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है। यानि कर्जमाफी कोई मजाक नहीं बल्कि सच में किसानों के हित में लिया गया फैसला है, जो अपने रास्ते पर है।