बिजली चोरी रोकने के अपनी योजना सुझा कर देश को अरबों के घाटे से बचा चुकी है ये महिला आईएएस अफसर
देश में कोई भी सिस्टम बने उसका तोड़ पहले से लोगों के पास पहुंच जाता है। यहीं कारण है कि सरकार के लाख चाहने के बाद भी योजनाओं में लूट खसोट रुक नहीं रही। इसका जीता जागता उदाहरण हैं देश का बिजली विभाग। जिसमें हर साल अरबों रुपए की बिजली चोरी हो जाती है, जबकि करोड़ों रुपए का बिल बकाया बना ही रहता है। कई योजनाएं बनी, चोरी रोकने की तरकीबें निकाली गई, लेकिन दुर्भाग्य सब फेल रहा। आपको जानकर हैरानी होगी की एक महिला आईएएस जिनका नाम रितु महेश्वरी है वो बिजली विभाग को अब तक अरबों रुपए के नुकसान बचा चुकी है। इनके इस प्रयास के लिए एक निदेशक ने फिल्म भी बनाई जिसको देश विदेश में कई अवार्ड मिल चुके हैं।
कानपुर शहर से की शुरुआत
गाजियाबाद जिले में जिलाधिकारी के पद पर तैनात रितु महेश्वरी देश और प्रदेश की सबसे चर्चित आईएएस अधिकारियों में से एक है। रितु उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आईं जब उनकी तैनाती कानपुर जिले में बिजली विभाग के केस्को (कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी) में हुई। 2011 में तैनाती के दौरान कानपुर बिजली चोरी के लिए कुख्यात था। जहां हर साल सैकड़ों करोड़ की बिजली चोरी हो जाती थी। फैक्ट्री से लेकर बस्तियों में जमकर चोरी होती थी। जिससे बिजली विभाग का लाइन लॉस करीब 30 प्रतिशत था। मतलब हर साल करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान। जिसको लेकर रितु महेश्वरी ने जो नीति अपनाई आज देश के कई हिस्सों में लागू की जा रही है।
कैसे किया बिजली चोरों का दमन
कानपुर में बिजली की बड़ी चोरी के पीछे विभाग के छोटे बड़े कर्मचारी ही जिम्मेदार थे। रितु ने तैनाती के बाद जैसे ही छापे मारने शुरु किए। विभाग के कर्मचारी लोगों को सूचना दे देते थे, जिससे अभियान का दम निकल जाता। इसके लिए रितु ने सुबह चार बजे घर से निकलना शुरु किया और जब लोग सो रहे थे। तभी बिजली विभाग की टीम ने छापे मारी शुरु कर दी। जिसके बाद लोग पकडे जाने शुरु हो गए।
रितु महेश्वरी ने बिजली चोरों पर कार्रवाई के लिए अलग ही नियम बनाया था। वो जुर्माना और बिजली काटने की बजाय घर पर सीधे स्मार्ट मीटर लगवाकर कनेक्शन दे देती थी। जिससे लोगों के विरोध का भी मौका नही मिलता था। इस अभियान से रितु महेश्वरी ने कानपुर के सवा लाख घरों और फैक्ट्रियों में स्मार्ट मीटर लगा दिए। जिससे बिजली चोरी रुकने के साथ राजस्व भी मिलने लगा। साथ ही साल में होने वाला घाटा भी आधा हो गया।
सपा विधायक के खिलाफ लिखाई थी एफआईआर
कानपुर में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान से लोगों में हड़कंप मच गया था। बिजली चोरों को साथ विभाग के छोटे बड़े कर्मचारी भी रितु महेश्वरी के खिलाफ हो गए थे। रितु की आक्रमक शैली से स्थानीय नेता भी नाराज हो गए। सपा विधायक इरफान सोलंकी ने रितु महेश्वरी के दफ्तर में जाकर बदसलूकी कर दी। जिसके बाद रितु महेश्वरी ने इरफान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी।
भ्रष्टाचार और महिला विरोधियों को करारा जवाब
कानपुर में जहां बिजली चोरी रुक रही थी, वहीं लोगों में उनके अच्छे काम की चर्चा भी हो रही थी। वहीं रितु महेश्वरी ने खुलकर कहा था कि कुछ लोग उनकी शिकायत सीएम तक लेकर गए हैं। क्योंकि वो लोग महिला के काम से खुश नहीं है। महीनों की होने वाली लाखों की काली कमाई पर रोक लगाने से उनको विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
रितु का बिजली विभाग में चलाया गया अभियान इतना चर्चा में आया की। इसकी गूंज मुंबई की बॉलीवुड तक सुनाई देने लगी।जिसके बाद एक निर्देशक ने कटियाबाज नाम की फिल्म बनाई थी। जिसने देश विदेश में कई अवार्ड जीते थे।