दुनिया की १० सब से घातक मिसाइलें, भारत की ‘ब्रह्मोस’ और ‘अग्नि ५’ का नंबर कौन सा है !
ये हैं दुनिया की टॉप 10 मिसाइलें, भारत की दो सबसे संहारक मिसाइलें ‘ब्रह्मोस’ और ‘अग्नि 5’ भी हैं इस लिस्ट में शामिल! (Top 10 deadliest Missile of World)
दुनियाभर में आज हथियारों की होड़ है। किसी देश के पास सैनिकों की संख्या अधिक है, तो कहीं परमाणु हथियारों का जखीरा। कहीं लड़ाकू विमानों की अपनी तकनीक है तो किसी देश के पास अत्याधुनिक लेजर गाइडेड वैंपस हैं। लेकिन इन सभी फील्ड्स को एक करने के लिए मिसाइलों की जरूरत अहम है। बिना मिसाइल (अथवा रॉकेट) के अपनी सीमा में बैठे हम दुश्मनदेश के अंदर सटीकता से मार नहीं कर सकते।
मिसाइल ही हैं, जिनसे उन पर बम और घातक गोले गिराए जाते हैं। इन्हें विमानों, युद्घपोतों में अटैच करके सैकडों किमी दूर तक फेंका जा सकता है। इसलिए विश्व के लगभग सभी ताकतवर देशों में मिसाइलों के स्टॉक मौजूद हैं। कुछ देशों में ऐसी भी मिसाइलें बन चुकी हैं, जिन्हें महज एक बार दागने भर से हजारों हेक्टेयर एरिया पलभर में तबाह हो सकता है।
1. डोंगफेंग-41
वैसे तो दुनिया चीनी सेना और चीनी हथियारों के बारे में कम ही जानती है, लेकिन डीएफ-4 के बारे में जो थोड़ी बहुत जानकारियाँ सामने आई हैं, उसके हिसाब से डीएफ-41 दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइलों में से एक है। ये परमाणु हथियारों को ढोने में तो सक्षम है ही, साथ ही किसी भी जगह से इसे छोड़ा जा सकता है। इसे सड़क पर खड़े किसी ट्रक लांचर से भी दागा जा सकता है। ये दुनिया में सबसे लंबी दूरी तक मारने वाली मिसाइल है, जिसकी रेंज लगभग 14 हजार किमी है। ये एक साथ कई लक्ष्यों को भी भेदने में सक्षम है।
संभावित निशाने
चीन की हथियार प्रतिस्पर्धा भारत, अमेरिका, जापान और कुछ यूरोपीय देशों से है। बेशक अमेरिकी रक्षा बजट दुनिया का 41% हो, लेकिन डोंगफेंग मिसाइल सीरीज के चलते चीन भी पीछे नहीं है। यह (DF-5) ट्रक लांचर बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइल मानी गर्इ है।
2. बीजीएम-109 टॉमहॉक:
अमेरिका यूं तो लगभग हर तरह की मिसाइलों में अव्वल है, लेकिन सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल टॉमहॉक के बडे़ चर्चे हैं। बीजीएम-109 (टॉमहॉक/TLAM) मध्यम दूरी तक मार करने वाली हल्की लेकिन बेहद फुर्तीली मिसाइल है। जिसकी स्पीड हार्इ सबसोनिक रेंज (550mph (880 किमी / घंटा)) में है। अमेरिका ने सबसे पहले 1991 में इसे खाडी़ युद्घ में इस्तेमाल किया, तब 288 मिसाइलें दागी गर्इं। इसके बाद 1993, 1995, 2001 में भी पश्चिम एशिया में इन्होंने जौहर दिखाए। 2011 में सीरिया गृहयुद्घ के दौरान अमेरिका ने 124 बीजीएम-109 टॉमहॉक दागीं, सभी हमलों में ये शत-प्रतिशत सफल रहीं। ये मिसाइलें 1,500 किमी दूर से अपने टारगेट को भेद सकती हैं। राडार या अन्य नवीनतम उपकरणों से भी इस मिसाइल के गुजरने का पता नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए कुछ ही पलों में दुश्मन की बेंड बजा देती हैं। अमेरिका फिलहाल आतंकी संगठन आर्इएस (ISIS) को पछाडने के लिए लालसागर स्थित नेवी बेस पर इन मिसाइलों को तैनात कर रहा है।
3. आर छत्तीस मिसाइल/ (R-36M2 – ICBM):
सोवियत संघ (रूस) द्वारा सर्वप्रथम 1974 में तैनात ये मिसाइलें शीतयुद्घ के दौरान नाटो गुट (अमेरिका-यूरोप) पर भारी पड़ गर्इ थीं। यह एक साथ 10 निशानों को भेद सकती है। 8 km/s टॉप स्पीड है इसकी। दस 750kt वारहेड्स को लेकर 11,000 किलोमीटर तक जा सकती है। शुरूआत में रूस ने स्पेस प्रोजेक्ट के तहत इसे विकसित किया था, इसकी रेंज 16,000 किमी रही। जिसके बाद वॉर एंटीडोट के रूप में रूस की स्ट्राइक मिसाइल बनी। इसमें 250 क्विंटल (kt) के 38 वॉरहेड सेट हैं, जिनसे यह अत्यंत घातक साबित होती है।
4. एलजीएम-30 मिनटमैनः
एलजीएम-30 मिनटमैन अमेरिका की सबसे सक्षम मिसाइलों में से एक है। इसकी मारक क्षमता 13 हजार किलोमीटर है और ये एक साथ 3 परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है। जो 3 अलग-अलग लक्ष्यों को भेद सकते हैं। अमेरिकी सेना ने इसे ट्राइडेंट मिसाइल सिस्टम से लैस करके दुनिया की सबसे मारक मिसाइल बना दिया है। फिलहाल ये अमेरिकी सेना में शामिल इकलौती अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है।
5. यूजीएम-133 (ट्राइडेंट II):
अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन की ओर से विकसित की गईं ये बैलिस्टिक मिसाइल पानी से भी छोड़ी जा सकती हैं। डोंगफेंग से इतर ये मिसाइल पनडुब्बियों पर भी तैनात हैं, जिनकी जद में पूरी दुनिया है। इस मिसाइल का इस्तेमाल सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन की रॉयल नेवी करती है। परमाणु हथियारों से लैस ये मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। ये पानी के अंदर से भी दागी जा सकती हैं, जिसके दम पर ये अमेरिकी सेना की स्ट्राइक करने वाली मिसाइलों में से एक है। 1983 में विकसित इस मिसाइल को अमेरिकी और ब्रिटिश सेना 1990 से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनकी मारक क्षमता 7840 किलोमीटर तक है।
6. आईरिस-टी:
आईरिस-टी नई जेनरेशन की सबसे मारक मिसाइल है। इसकी क्षमता महज 25 किमी तक ही मार करने की है, लेकिन लेजर गाइडेड तकनीक के दम पर ये 100 फीसदी लक्ष्य को भेदती है। इस मिसाइल को जर्मन मूल की डायल कंपनी ने कई देशों जैसे ग्रीस, इटली, कनाडा, नॉर्वे और स्पेन के सहयोग से बनाया है। इस मिसाइल को दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों यूरोफाइटर टाइफून, एफ-16, टॉर्नेडो पर तैनात किया गया है। आईरिस-टी लगभग हर तरह के लक्ष्य को भेद सकती है। ये पानी के भीतर भी उतनी ही कुशलता से निशाने को ध्वस्त करती है, जितना किसी रेगिस्तानी इलाके या शहर के बीच स्थित लक्ष्य को। ये मिसाइल विपरीत परिस्थितियों में भी 100 फीसदी कामयाब रही है, जिसकी वजह से इस मिसाइल को इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
7. एआईएम-120/(Aim-9 missile (AMRAAM)) :
यह (एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर टू एयर मिसाइल) एम्राम है, जिसे अमेरिकी कंपनी रेथियाम ने बनाया है। इसने इराक, बोस्निया और कोसोवो में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। कई लक्ष्यों पर एक साथ हमला, काउंटर अटैक और ठोस ईंधन पर चलने वाली ये मिसाइल दुनिया में हवा से हवा में मार करने वाली सर्वश्रेष्ठ मिसाइलों में से है। इस मिसाइल का इस्तेमाल दुनिया के 36 देश कर रहे हैं। ये लगभग सभी लड़ाकू विमानों जैसे एफ-22, यूरोफाइटर टाइफून, एफ-15, एफ-16, सी-हैरियर, टोरनेडो में फिट होती है और पलक झपकते ही लक्ष्य को तहस नहस कर देती है। ये मिसाइल आंतरिक तौर पर रेडार से बचने की क्षमता रखती है। जिसे माइक्रो कम्प्यूटर से नियंत्रित किया जाता है। ये मिसाइल भारी वारहेड ले जाने की वजह से एक साथ कई जगहों पर तबाही मचाने में सक्षम है।
8. ब्रह्मोस:
ये भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। जिसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्क्वा नदी के नाम पर रखा गया है। ये मिसाइल महज 290 किमी तक ही मार करने में सक्षम है, लेकिन सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की श्रेणी में दुनिया की उन गिनी चुनी मिसाइलों में से एक है, जिसे जल, थल, वायु कहीं से भी दागा जा सकता है। ब्रह्मोस की तैनाती भारतीय सेना की तीनों सेनाओं में है। इस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल होने का तमगा प्राप्त है, जो रडार की पकड़ में नहीं आती और पलक झपकते ही दुश्मन के निशाने को नेस्तनाबूत कर सकती है। ये मिसाइल सिर्फ 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने की भी क्षमता रखती है, जिसकी वजह से इसे दुश्मन के रडार से कभी पकड़ा नहीं जा सकता। इसकी यही खूबी इसे दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में शुमार करती है।
9. पैथन-5 (Python -5 missile):
राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम से लैस पैथन-5 पांचवीं पीढ़ी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। ये मिसाइल बहुत कम दूरी के लक्ष्यों को बेहद सटीक तरीके से तबाह करती है। पैथन मिसाइल अपने रेंज और मारक क्षमता के लिहाज से दुनिया की सबसे मारक मिसाइल होने का दर्जा रखती है। पैथन-5 आधुनिक तकनीकों से लैस एफ-15, एफ-16, मिराज, एमकेआई30 जैसे लड़ाकू विमानों पर तैनात है। ये मिसाइल दोहरे वेबबैंड फोकल प्लेन एरे(एफपीए) दृश्यता प्रणाली, आधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एडवांस इंफ्रारेड काउंटर प्रणाली से लैस है, जो इसे शत-प्रतिशत सफलता के साथ लक्ष्यवेधन में महारत देते हैं। इस मिसाइल का सबसे पहले इजरायली सेना ने 2006 के लेबनान वॉर में इस्तेमाल किया था, जिसमें उसने एफ-16 फाइटर प्लेन से एक ही मिसाइल दाग हिजबुल्लाह के दो मानवरहित जासूसी विमानों को निशाना बनाया था। इस मिसाइल को दुनिया के 15 ताकतवर देश अपनी सेना में रखते हैं।
10. अग्नि 5:
ये अभी भारत की सबसे दूर तक मार करने वाली मिसाइल है। ये परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम होने के साथ ही एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में भी सक्षम है। अप्रैल 2012 को अग्नि 5 का परीक्षण किया गया, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। इसकी जद में पूरा चीन आ जाता है। इसकी रेंज 5 हजार 500 किलोमीटर है, जिसे 7 हजार किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। इसी साल ये मिसाइल भारतीय सेना में शामिल हो जाएगी। इसके बाद अग्नि 6 का नंबर है।