भारतीय राजनीति की 10 सबसे ताकतवर महिलाएं, जिन्होंने आते ही बदल दी भारतीय राजनीति की दशाएं।
मंत्रिमंडल में बड़े-बड़े पद से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पद तक संभाल चुकी हैं यह महिलाएं
तो इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है भारत की प्रधानमंत्री रह चुकी इंदिरा गांधी जी का। इनका नेतृत्व और इनका निडर व्यक्तित्व आज भी लोगों को उनकी याद दिलाता है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हमेशा अपने सख्त फैसले और फौलादी इरादों के लिए याद की जाती रहेंगी। वो तीन बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। आपातकाल जैसा फैसला लिया तो देश को आतंक के कहर से बचाने के लिए पाकिस्तान को तोड़ कर बांग्लादेश बनाने की भी हिम्मत दिखाई। अपने फैसलों और इच्छाशक्ति की वजह से वो पूरी दुनिया में जानी जाती हैं।
इस लिस्ट में अगला नाम आता है सुचेता कृपलानी जी का। 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश के मुखिया की गद्दी संभालने वाली सुचेता कृपलानी को देश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का सम्मान भी हासिल है। सुचेता कृपलानी ने इतने बड़े प्रदेश की बागडोर तो संभाली ही अंग्रेजों से लोहा भी लिया और कई बार जेल भी जा चुकी हैं।
तीसरे नंबर पर नाम आता है मीरा कुमार का। लोकसभा की पूर्व स्पीकर पद को संभालने वाली पहली महिला का सम्मान मीरा कुमार को हासिल है। मीरा कुमार राजनीति में आने से पहले स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस जैसे देशों की उच्चायुक्त रही हैं। राजनीति से रिश्ता शादी के बाद जुड़ा। उनकी सास सुमित्रा देवी बिहार प्रदेश की पहली कैबिनेट मंत्री रही थीं।
तो वही चौथे नंबर पर भारत की तात्कालिक वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण जी का नाम शामिल है। निर्मला सीतारमण देश की पहली ऐसी राजनेता हैं जिन्हें बतौर केंद्रीय मंत्री रक्षा मंत्रालय का जिम्मा संभालने का मौका मिला। इसके बाद वो देश की वित्त मंत्री बनीं। वो पहली महिला मंत्री हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप से ये दोनों मंत्रालय संभालने का मौका मिला। इससे पहले इंदिरा गांधी ने पीएम रहते हुए ये दोनों मंत्रालय संभाले थे।
पांचवें नंबर पर नाम आता है सोनिया गांधी का। हालांकि इन्होंने कभी भी सत्ता अपने हाथ में नहीं लिया लेकिन ऐसा कहा जाता है कांग्रेस पार्टी को चलाने में एकमात्र सोनिया गांधी जी का ही हाथ है। 1999 में बुरी तरह बिखरी कांग्रेस को दोबार जोड़ने और मजबूत करने का श्रेय सोनिया गांधी का जाता है। 2004 में कांग्रेस को जीत मिली, लेकिन उस वक्त सोनिया गांधी ने पीएम बनने से इंकार किया और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने। सोनिया गांधी का फैसला हैरान करने वाला था लेकिन इस मास्टस्ट्रोक ने विपक्ष से विदेशी महिला का मुद्दा छीन लिया था।
तो वहीं छठे नंबर पर दबंग महिला सुषमा स्वराज का नाम शामिल है। प्रखर वक्ता और ब्रिलियंट राजनेता रहीं सुषमा स्वराज दिल्ली राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं। बीजेपी सराकार में विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने कई यादगार फैसले लिए जिनकी मिसाल हमेशा दी जाती रहेगी।
सातवें नंबर पर मायावती जी का नाम शामिल है। उत्तर प्रदेश में एक निम्न जाति से आकर इन्होंने उत्तर प्रदेश को चलाने की हिम्मत दिखाई। मायावती यूपी जैसे बड़े राज्य की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं । इनका नेतृत्व लोगों को काफी पसंद आता था। बहुजन समाजवाद पार्टी कि यह लीडर है और आज भी इनके द्वारा कहीं बात लोगों को काफी इनफ्लुएंस करती है।
इस लिस्ट में आठवें नंबर पर ममता बनर्जी का नाम शामिल है। भारत की रेल मंत्री रह चुकी ममता बनर्जी एक दमदार और ताकतवर राजनेता है। इनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल राज्य आज काफी ऊंचाइयों तक पहुंच चुका है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश की बड़ी राजनेताओं में से एक हैं।
तो वही इस लिस्ट में नवे नंबर पर नाम आता है जयललिता का। तमिलनाडु की सीएम जय ललिता भी देश की राजनीति में आने से पहले वो एक लोकप्रिय अभिनेत्री थी और उन्होंने तमिल , तेलुगू, कन्नड की फिल्मों के अलावा एक हिंदी फिल्म में भी काम किया है। तमिल नाडु में बतौर मुख्यमंत्री उनका योगदान काफी बड़ा रहा लोग उन्हें खूब प्यार देते हैं। जयललिता अभी इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके द्वारा चलाई गई अम्मा की रसोई आज भी लोगों का एक रुपए में पेट भर देती है।
दसवीं नंबर पर और इस लिस्ट का आखिरी नाम है वसुंधरा राजे। वसुंधरा राजे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। 1987 में वसुंधरा राजस्थान बीजेपी की उपाध्यक्ष हैं। 1987 में वसुंधरा राजस्थान बीजेपी की उपाध्यक्ष बनीं, उनकी मेहनत और कार्यशैली को देखते हुए 1998- 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रीमंडल में राजे को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया।
तो यह रहे भारत की 10 सबसे दमदार और ताकतवर भारतीय महिला राजनेता। इनमें से आपकी पसंदीदा राजनेता कौन है कमेंट कर हमें जरूर बताएं।