अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका, आतंकवादियों को खत्म करने के लिए कर दिया ये बडा काम..
अमेरीका ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान को जोरदार झटका दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान के सबसे बड़े ‘हबीब बैंक’ की न्युयॉर्क स्थित शाखा को बंद कर दिया है। हबीब बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद की गई जिसमें उन्होंने कहा था की अमेरिकी और अफगानी सैनिकों पर हमला करने वाले आतंकियों को पाकिस्तान सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करा रहा है। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसने आतंकवादियों को समर्थन देना बंद नहीं किया तो उसका प्रमुख अमेरिकी सहयोगी का दर्जा छीन लिया जाएगा।
आतंकवादी फंडिंग के चलते किया गया बंद :
यह बैंक पिछले 40 साल से अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में चल रहा था। अधिकारियों के मुताबिक बैंक को आतंकवादी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों के चलते बंद किया गया है। अमेरिका में विदेशी बैंकों के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस (DFS) ने कहा है कि यह फैसला 2016 में की गई जांच के बाद लिया गया है। हबीब बैंक पाकिस्तान का सबसे बड़ा निजी बैंक है। जिसका मुख्यालय पाकिस्तान के कराची में है। न्यूयॉर्क बैंकिंग अधिकारियों ने कहा कि बैंक ने कई निर्देशों उपेक्षा की है। इसके अलावा उनको मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसी फंडिंग की कार्रवाई का शक है।
22 करोड़ डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया :
अमेरिका में न्यूयॉर्क के बैंकिंग रेग्यूलेटर ने पाकिस्तान के हबीब बैंक को बंद करने के आदेश के साथ-साथ इस बैंक पर साढ़े 22 करोड़ डॉलर का जुर्माना भी लगाया है। किसी भी पाकिस्तानी बैंक पर लगाया गया यह अब तक का सबसे बडा जुर्माना है। यह बैंक पिछले 40 साल से न्यूयॉर्क में चल रहा था। अधिकारियों के मुताबिक बैंक को आतंकवादी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों के चलते बंद किया गया है।
1941 में हुई थी स्थापना :
इस बैंक की स्थापना 1941 में की गई थी। उस समय मोहम्मद अली जिन्ना मुस्लिमों के लिए एक अलग राष्ट्र चाहते थे। 1941 में इसका मुख्यालय मुंबई में 25 हजार की जमा पूंजी के साथ खोला गया। बाद में 1947 के विभाजन के समय यह भारत से कराची चला गया। इसके अलावा यह बैंक अमेरिका में 1978 से अपनी सेवाओं का संचालन कर रहा है। 2006 में इस बैंक आदेश दिया गया था कि वह अवैध लेनदेन का निरीक्षण करे। बैंक को बार-बार कमियों को दूर करने के लिए पर्याप्त मौके दिए गए, फिर भी ऐसा करने में असफल रहा। हबीब बैंक ने सऊदी निजी बैंक, अल रजी बैंक के साथ अरबों डॉलर का लेनदेन किया। इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि ये कथित रूप से अल कायदा से जुड़ा हुआ है।