रोल्स रॉयस खरीदने के लिए माननी पड़ती है कम्पनी की 8 शर्ते। एक भी शर्त नही मानी तो तोड़ देगी कम्पनी आपसे रिश्ते।
रोल्स-रॉयस खरीदने के लिए सिर्फ पैसे नहीं है काफी। बल्कि आपका बैकग्राउंड भी करता है मैटर। तीसरा और पांचवा शर्त जानकार तो आप के होश उड़ जाएंगे
कुछ लोग रोल्स-रॉयस कंपनी की शर्तों को लोकप्रियता कहते हैं तो कुछ लोग उनकी बदमाशी। यदि किसी ने इस लग्जरी गाड़ी को खरीदने के लिए अपनी पूरी जिंदगी पैसे इकट्ठे कर भी लिए तो भी जरूरी नहीं है कि वह खरीद पाए, क्योंकि इसके पीछे कई कारण है कंपनी की 8 ऐसी बड़ी-बड़ी शर्ते हैं जिन्हें सुनकर आधे से अधिक लोग इस गाड़ी को न खरीदने का विचार बना लेते हैं।
रोल्स-रॉयस कंपनी की पहली शर्त, इस गाड़ी को खरीदने वाले का बैकग्राउंड है। ऐसा माना जाता है कि रोल्स-रॉयस अपनी कार को बेचने से पहले खरीदने वाले का बैकग्राउंड चेक करती है और यह देखती है कि कार खरीदने वाला इसका लेवल मेंटेन करने की हैसियत रखता भी है या नहीं। परीक्षण करने के बाद ही कंपनी अपनी गाड़ी को बेचती है।
कंपनी की दूसरी शर्त है ड्राइवर की डिटेल जानकारी साझा करना। ऐसा माना जाता है कि रोल्स-रॉयस अपनी कार को बेचने से पहले इसे चलाने वाले ड्राइवर की डिटेल मांगती है। कंपनी जानती है कि कार को खरीदने वाला ही इसे खुद कभी नहीं चलाएगा इसलिए वह ड्राइवर की डिटेल लेकर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसकी ड्राइविंग स्किल कैसी है ताकि अगर ड्राइवर की वजह से कार में बैठने वाले को कोई प्रॉब्लम हो तो उसे कंपनी की बदनामी ना हो।
कंपनी की तीसरी शर्त है की गाड़ी खरीदने के बाद मार्केट से उसमें पेंट नहीं करवा सकते। लोगों का ऐसा कहना है कि रोल्स-रॉयस कंपनी अपनी कार खरीदने वालों को सख्त निर्देश देती है कि कार का रंग पसंद नहीं आने पर भी मार्केट में जाकर कोई कलर नहीं करवा सकता। इसके बदले कंपनी का कहना है कि उनके पास 44000 से भी ज्यादा कलर ऑप्शंस है इनमें से व्यक्ति अपने पसंद का कलर चुन सकता है और यदि इन 44000 कलर ऑप्शन में से भी कोई कलर पसंद ना आए तो वह अपने पसंदीदा रंग खुद कंपनी को बता सकता है कंपनी उसे कस्टमाइज करके देगी।
चौथे शर्त के मुताबिक गाड़ी ख़राब होने पर नही करवा सकते रिपेयर। रोल्स-रॉयस कंपनी की शर्त है की गाड़ी में खराबी आने पर इसे सिर्फ कंपनी के सर्विस सेंटर पर ही रिपेयर करवाया जा सकता है और यदि किसी ने बाहर से रिपेयर करवा दिया तो कंपनी दोबारा कभी भी उस गाड़ी को हाथ नहीं लगाएगी। रोल्स-रॉयस का कहना है की कोई भी खराबी आ जाने पर कंपनी लोकेशन पर ही मैकेनिक भेज देती है और जब ऐसी सुविधा मिलती है तो फिर बाहर के किसी मैकेनिक से गाड़ी की सर्विसिंग क्यों करवानी?
कंपनी के शर्त के अनुसार सेकंड हैंड रोल्स-रॉयस नहीं खरीदी जा सकती है। और यह कंपनी की पांचवी शर्त है। ऐसा कहा जाता है कि रोल्स-रॉयस को यदि कोई बेचना चाहता है तो कंपनी इसे खुद ही खरीद कर अपने पास रख लेती है लोग इसे किसी तीसरे इंसान को नहीं बेच सकते। कंपनी ऐसा इसलिए करती है कि हर कोई सिर्फ नई रोल्स-रॉयस खरीदे सेकंड हैंड नहीं।
सातवीं शर्त के अनुसार स्टाफ को मेकअप और परफ्यूम लगाने की इजाजत नहीं होती। रोल्स-रॉयस का कहना है की गाड़ी की अपनी अलग खुशबू है यदि उसमें बैठने वाला अत्यधिक मेकअप और परफ्यूम का इस्तेमाल करेगा तो उसकी खुशबू गायब हो जाएगी। यह भी कहा जाता है कि रोल्स-रॉयस अपने स्टाफ को भी एक ही प्रकार की परफ्यूम लगा कर देती है जिससे आसपास अच्छी खुशबू बनी रहे।
आठवीं शर्त के अनुसार अपनी मर्जी से नहीं बदलवा सकते हैं बैटरी। अक्सर बैटरी खराब होने की वजह से कई बार लोगों की गाड़ियां बीच रास्ते में खराब हो जाती हैं इसलिए रोल्स-रॉयस अपनी गाड़ियों की बैट्रींयों पर लगातार नजर रखता है और खराब होने के पहले ही इसके ओनर को सूचना दी जाती है इसके बाद अपॉइंटमेंट लेकर इस गाड़ी की बैटरी को बदलवा सकते हैं। और यदि किसी व्यक्ति ने ध्यान नहीं दिया, और गाड़ी खराब होने पर इसकी बैटरी बाहर से बनवा ली तो कंपनी दोबारा गाड़ी की बैटरी पर ध्यान नहीं देती।
कंपनी की इन शख्त शर्तो को लेकर आपका क्या विचार है? कमेंट कर हमें ज़रूर बताएं।