
इस व्यक्ति ने अपनी सोच की बदौलत रचा एक नया इतिहास, बच्चों की शिक्षा के लिए बन गया वेटर
अमृतसर: इस दुनिया में कई ऐसे महान व्यक्ति हैं, जिनके जीवन की कहानी कई लोगों को प्रेरणा देने का काम करती हैं। उनके जीवन से सीख लेकर कई लोगों ने अपनी जिंदगी बदल दी है। हालांकि कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने उन महान लोगों की तरह ही काम किये हैं, लेकिन आज वो गुमनामीं में जी रहे हैं। या उनके नाम की कोई चर्चा ही नहीं की गयी।
आज के समय में अगर कोई अपनी तक़दीर बदल सकता है तो वह केवल शिक्षा की बदौलत ही। शिक्षा वह ताकत है, जिसके दम पर कोई भी व्यक्ति कुछ भी पा सकता है। अच्छी शिक्षा के दम पर आप धनवान बन सकते हैं, समाज में इज्जत पा सकते हैं और साथ ही आपका हर सपना भी पूरा हो सकता है। लेकिन भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में बात क्या ही की जाये। आज के समय में भारत में शिक्षा एक व्यापार बन गया है।
जरुरतमंदो को पढ़ाते हैं मुफ्त में:
आज महँगी फीस देने के बाद बी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है। ऐसे में गरीब बच्चों को कहाँ से बेहतर शिक्षा मिल सकती है। लेकिन समाज में अच्छे लोगों की कमी नहीं है। वह जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में भी पढ़ाने का काम करते हैं। बिहार के आनंद के बारे में तो जानते ही होंगे, जो सुपर 30 नाम की कोचिंग संस्था चलाते हैं। उनके कोचिंग से हर साल कई बच्चे आइआइटी में सेलेक्ट होते हैं। कमाल की बात यह है कि वह बच्चों से कोई फीस भी नहीं लेते हैं।
खर्चों को पूरा करने के लिए करते हैं वेटर का काम:
आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं। 23 साल के मिथुन के पास आज से 9 साल पहले एक भी पैसा नहीं था। वह एक रिक्सा चालाक के बेटे हैं। वह बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी संवेदनशील थे। उन्होंने पुरानी किताबें इकट्ठी की और पास के ही गाँव के एक खाली कमरे में अपनी क्लास शुरू की और देने लगे बच्चों को मुफ्त शिक्षा। खर्चों को पूरा करने के लिए वह पार्टी, शादी और अन्य कार्यक्रमों में वेटर के रूप में काम भी करने लगे।
मिथुन की आय और दान की मदद से चलता है स्कूल:
बच्चों को पढानें का ज़ज्बा देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जायेगा। आज वे बच्चों की अच्छी पढ़ाई करवा रहे हैं। इस स्कूल को “एम रियल” नाम दिया गया है, जिसे वह अपनी आय के आलावा दान की मदद से चलाते हैं। उनके स्कूल में 170 बच्चे पढ़ते हैं। ज्यादातर बच्चे बाहर से आये हुए मजदूरों के हैं। मिथुन ने बताया कि स्कूल में बच्चों को विषय के अलावा अंग्रेजी भाषा भी सिखाई जाती है।
उनके तीन छात्र इस समय हाईस्कूल में हैं। उनके कक्षा की एक लड़की डॉक्टर बनना चाहती है, जबकि एक अन्य लड़की अपने सर की तरह ही शिक्षक बनना चाहती है। यक़ीनन ऐसे ही देश में कुछ और लोग हो तो देश की शिक्षा व्यवस्था की हालत जरुर बदल जाएगी।