दाऊद का गिरोह कर रहा था हिन्दू नेताओं को मारने की साजिश
एनआइए ने दाऊद के गिरोह डी-कंपनी (D Company) के खिलाफ एक चार्जशीट दाखिल की, जिससे यह खुलासा हुआ कि दाऊद अपने गिरोह के जरिये 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए हिन्दू नेताओं को मारने और चर्च में शराब की बोतलें फेंक कर सांप्रदायिक हिंसा फ़ैलाने की कोशिश कर रहा था। 2015 में गुजरात के भरूच में ऐसी ही साजिशों का शिकार हुए थे दो भाजपा के नेता। इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल नए आतंकियों को अच्छी रकम और विदेश में नौकरियों का लालच भी दे रहा है।
एनआईए की रिपोर्ट से पता चलता है कि डी-कंपनी ने एक नए गुट को बनाया जिसका मुख्य उद्देश्य सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का था। उन्हें हिन्दू नेताओं को मारने और चर्च में आगजनी करने का काम दिया गया।
भरूच के भूतपूर्व बीजेपी प्रेजिडेंट और आरएसएस मेंबर शिरीष बंगाली और भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव प्रग्नेश मिस्त्री की 2 नवम्बर, 2015 को दो अज्ञात बंदुकधारियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी।
एनआईए के आरोप पत्र में उल्लेख है कि 2002 के गुजरात दंगों में शामिल हिन्दू नेताओं को मारने की साजिश की गयी थी। आरोपी युवकों को पैसे और विदेशी नौकरियों के वादे का लालच दिया गया था और उनमें से कुछ इस्लाम के नाम पर हिंदुओं को मारने के लिए, जबकि दूसरों को ‘डी गैंग’ के नाम का इस्तेमाल कर धन उगाही के लिए कहा गया कहा गया।
डी-कंपनी, जावेद चिकना के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेता हैं जो 2002 के गुजरात दंगों में सक्रिय थे और मुस्लिम विरोधी छवि रखतें हैं , को लक्षित करने की योजना बनायी थी।
कुल 12 आरोपीयों को मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम गुजरात पुलिस अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, डी-गैंग के लोगों की स्थानीय रसद तक आसान पहुंच है। वे कथित तौर पर राजनीतिक नेताओं और प्रमुख लोगों की एक हिट लिस्ट बना चुके है।
अंडरवर्ल्ड, सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, बाबरी और गोधरा जैसे संवेदनशील मुद्दों से सांप्रदायिक हिंसा को गति प्रदान करने के लिए कोशिश कर रहा है।