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टीना डाबी ने विस्थापित हिंदू परिवारों के सर से छीनी छत, दर दर की ठोकरें खाने को किया मजबूर

जयपुर : राजस्थान के जैसलमेर जिले में पाकिस्तानी विस्थापित हिंदू परिवारों के साथ हुए अमानवीय वर्ताव की वजह से IAS टीना डाबी एक बार फिर से चर्चा का विषय बनी हुई है ।  रिपोर्ट के अनुसार,  पाकिस्तानी विस्थापित हिंदू परिवारों ने अपने निवास स्थानों पर बहुत पहले से ही रह रहे थे, लेकिन टीना दाबी के निर्देशों के बाद, इन घरों पर बुलडोज़र चला दिया गया। इन हिंदू परिवारों की नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया भी अभी चल रही है और इस बिच उन्होंने अपने घरों को खो दिया है।

इन दिनों राजस्थान में भीषण गर्मी का सामना किया जा रहा है, टीना डाबी के इस अमानवीय कदम से यह विस्थापित हिन्दू दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं। 45 डिग्री के ऊपर के तापमान में, ये परिवार अब अपने परिवार – बच्चों सहित सड़कों पर आ गए हैं। पाकिस्तान से विस्थापित होने के बाद, ये हिंदू परिवार अमर सागर क्षेत्र में काफी समय से रह रहे थे, और बारिश से बचने के लिए इन्होने घर की छतें पक्की करा ली थीं। सरकार ने अवैध अतिक्रमण के आरोप में सभी आवासों को ज़मींदोज़ कर दिया।

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों पर होने वाले अत्याचार के बारे में कोई भी अज्ञात नहीं है, इसलिए ये हिंदू परिवार भारत में विस्थापित होकर आए थे। हालांकि, टीना डाबी के आदेश के कारण, उन्हें यहां भी उचित जीवन नहीं मिला । सामान्य जीवन जीने वाले इन हिंदू परिवारों के घरों से छत भी छीन ली गई है और अब उनके पास कोई जगह नहीं है जिसे वे अपने को अपना कह सकें।

IAS Tina Dabi के द्वारा उठाए गए कदम को देखते हुए एक तरफ यह भी सोचना जरूरी है कि अपनी सूझबूझ और अन्य तरीके से इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता था, लेकिन वह नहीं किया गया । सरकार को यह देखने की जरूरत है कि उनके निर्णय के द्वारा मानवीय अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।

यह बहुत ही दुखद है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है जहाँ पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदु परिवारों को उनकी नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया के दौरान भी समस्याएं आ रही हैं। इस स्थिति में सरकार को समस्याओं के साथ अवगत होकर उन्हें हल करने की जरूरत है।

इस समस्या का समाधान हालांकि आसान नहीं है, लेकिन सरकार को समस्या को समझने की जरूरत होती है। समस्या को समझने के बाद, सरकार को इस समस्या के लिए एक उचित समाधान ढूंढने की जरूरत है।

यह समस्या सिर्फ़ एक हिंदु परिवार की समस्या नहीं है, बल्कि यह देश की अस्थायी निवासी परिस्थितियों का एक उदाहरण है। सरकार को इस समस्या के समाधान की दिशा में गम्भीरता से काम करना होगा और उचित नीतियों और कार्यों का निर्माण करना होगा ताकि ऐसी स्थिति को रोका जा सके और लोगों को उनकी न्यायिक और सांस्कृतिक अधिकारों का लाभ मिल सके।

राजस्थान सरकार एवं टीना डाबी ने यह अमानवीय कदम उठाकर इंसानियत को शर्मसार किया है

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