‘झूठ बोले कौआ काटे’ आखिर कितनी सच है ये कहावत? जाने कौए और झूठ का असली कनेक्शन
बचपन से मां बाप हमे कई अच्छी शिक्षा देते हैं। इसमें से एक है कि हमेशा सच बोलना चाहिए। कभी झूठ नहीं कहना चाहिए। झूठ बोलने से किसी का भला नहीं होता है। आप चाहे जितना भी झूठ बोल लें, लेकिन सच एक न एक दिन सामने जरूर आता है। वहीं झूठे लोगों को कोई पसंद नहीं करता है। उन पर लोग यकीन करना छोड़ देते हैं।
झूठ बोलने पर सच में काट लेता है कौआ?
झूठ बोलने को लेकर हमे कई धार्मिक और काल्पनिक तर्क भी दिए जाते थे। झूठ बोलना पाप होता है। झूठ बोलोगे तो भगवान कभी माफ नहीं करेगा। सजा देगा। ऐसी बातें हमारे बड़े बूढ़े हमसे अक्सर कहा करते हैं। वहीं झूठ को लेकर एक और प्रचलित कहावत है ‘झूठ बोले कौआ काटे।’ यानि यदि आप झूठ बोलोगे तो आपका काला कौआ काट लेगा।
लेकिन अब सवाल ये उठता है कि इस कहावत में कितनी सच्चाई है? क्या सच में झूठ बोलने पर काला कौआ काट लेता है? और यदि हां तो इस कौए को झूठ से इतनी तकलीफ क्यों है? इस कहावत की शुरुआत कैसे हुई होगी? आज हम इन सभी सवालों का जवाब जानेंगे। तो चलिए जानते हैं कि आखिर इस झूठ और काले कौए में ऐसा क्या कनेक्शन है?
ये है कौए और झूठ की सच्चाई
सबसे पहले तो ये अंदाजा लगाने की कोशिश करते हैं कि ये कहावत बनी कैसी होगी? शायद प्राचीन काल में झूठ बोलने वाले और कौए दोनों अधिक संख्या में रहे होंगे। ऐसे में कौआ का आतंक बढ़ गया होगा और वह अधिकतर जिन इंसानों को काटता होगा वह झूठा निकलता होगा। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि दुनिया के सबसे पहले झूठे को कौए ने कट लिया होगा। फिर वहीं से ये कहावत बन गई।
एक तर्क ये भी है कि झूठ काला होता है। और कौए से काला कोई दूसरा पक्षी भी नहीं है। इसलिए सिर्फ तुलना करने के लिहाज से कौए और झूठ को जोड़ दिया गया होगा। लेकिन एक बात तो तय है कि ये सभी बातें सिर्फ मान्यताएं हैं। इनका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि यदि सच में ऐसा होता तो आए दिन कौए लोगों को काटते फिरते।
वैसे भी आज के जमाने में तो बहुत से लोग पल-पल पर झूठ बोलते हैं। तो आप सच बोले या झूठ, कौए को ढेले भर का फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि इस कहावत का ये फायदा जरूर है कि बच्चे झूठ बोलने से डरते हैं और सिर्फ सच ही बोलते हैं। यानि अच्छी आदतें सीखते हैं।
कौए से जुड़ी अन्य मान्यताएं
वैसे धार्मिक मान्यताओं में कौए का हमेशा से खास स्थान भी रहा है। कहा जाता है कि कौए को भोजन कराने से शनि दोष दूर होता है। हमारे पितर भी खुश रहते हैं। एक मान्यता ये भी है कि छत पर कौआ बार बार बोले तो मतलब घर में कोई मेहमान आने वाला है।
वहीं यदि कौआ सिर पर चोंच मार दे तो आपके साथ कोई अनहोनी होने वाली है। इस तरह घर से निकलते हुए मरे हुए कौए को देखना अशुभ माना जाता है। ऐसा नजारा दिखने पर हमे अपना रास्ता बदल देना चाहिए। लंबी यात्रा नहीं करना चाहिए।