केवल सेना ही नहीं पूरा देश रहे दो फ्रंटों पर युद्ध के लिए तैयार, आर्मी मुखिया बिपिन रावत का बयान
नई दिल्ली: डोकलाम विवाद की वजह से भारत का चीन से पिछले एक दशक में सबसे तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी, जो अब समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी आर्मी मुखिया बिपिन रावत ने दो फ्रंट पर भविष्य में युद्ध की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। बिपिन रावत ने कहा कि उत्तर में चीन और पक्षिम में पाकिस्तान के साथ युद्ध की संभावनाओं को नाकारा नहीं जा सकता है
भारत के उत्तर की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि चीन ने भारत को अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया है। उसकी देखकर इस स्थिति का फायदा पक्षिम में बसा पाकिस्तान भी उठानें की पूरी कोशिश करेगा। पाकिस्तान के पास इस समय अच्छा मौका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पहली बार नहीं है जब बिपिन रावत ने पाकिस्तान और चीन को लेकर दो फ्रंटों वाले युद्ध की बात कही है।
सीमा विवाद को शांतिप्रिय ढंग से सुलझाने पर दिया बल:
गौरलतब है कि सेना प्रमुख का बयान उस समय आया जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी चीन यात्रा पर गए हुए हैं। वहाँ पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग ने सीमा पर होने वाले विवादों को शांतिप्रिय ढंग से सुलझानें के लिए और प्रयासों पर बल दिया था। चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों के लिए यह सबसे ज्यादा जरुरी है कि दोनों सही रास्ते पर चलें।
भारतीय सेना पर चीनी सीमा में घुसनें का लगाया था आरोप:
जानकारी के लिए आपको बता दें जून में भारतीय सेना ने सिक्किम की सीमा पार करते हुए भूटान के इलाके डोकलाम में चीन के जबरदस्ती सड़क निर्माण का कार्य रोका था। भारत भूटान में उसके दावे के समर्थन में खड़ा था। यह देखकर चीन बुरी तरह से तिलमिला गया था और उसनें अपनी सेना वहाँ लगा दी थी। कई दिनों तक चले इस विवाद का आखिरकार अंत हो गया। चीन ने भारत के ऊपर उसके क्षेत्र में घुसनें का आरोप लगाया था।
70 दिनों तक खड़ी रही नॉन कॉम्बैट मूड में एक दुसरे के सामने सेनाएं:
भारत ने साफ़तौर पर कहा था कि चीन की इस बहुप्रतीक्षित सड़क परियोजना से उसके पूर्वोत्तर राज्यों के लिए रणनीतिक खतरा पैदा होता। इस वजह से दोनों देशों की सेनाएं एक दुसरे के सामने 70 दिनों तक नॉन कॉम्बैट मूड में खड़ी रही थी। आखिरकार चीन ने भारतीय सेना की जिद के आगे हार मान ही लिया और सड़क बनाने का अपना साजो-सामान वहाँ से हटा लिया। उसके बाद दोनों तरफ की सेनाएं अपने-अपने बैरक में लौट गयीं।