एक पुरुष ने जाती हुई महिला को कह दिया छमकछल्लो उस के बाद जो हुआ शायद आप ने सोचा न होगा
आए दिन महिलाओं के साथ कोई ना कोई अपराध की खबर आती रहती है। मनचलो द्वारा महिलाओं को छेड़ना और उनसे बदतमीजी से बात करना आज एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। लेकिन अब मनचलों पर लगाम कसने के लिए कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। आपको बता दें की किसी भी महिला को बिना उसकी इच्छा के छम्मक छल्लो शब्द कहना आपको भारी पड़ सकता है। दरअसल, महाराष्ट्र की एक कोर्ट ने महिलाओं के लिए ‘छम्मक छल्लो’ शब्द इस्तेमाल किए जाने को अपराध माना है। यह शब्द आपने बॉलीवुड की कई फिल्मों तथा गानों में कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। यह शब्द अक्षय कुमार की फिल्म राउडी राठौर तथा शाहरुख खान और करीना कपूर की फिल्म ‘रा-वन’ में इस्तेमाल किया गया है।
इस शब्द से महिलाओं की होती है बेइज्जती :
महाराष्ट्र की एक कोर्ट ने महिलाओं के लिए ‘छम्मक छल्लो’ शब्द इस्तेमाल किए जाने को अपराध माना है। कोर्ट ने कहा है कि इस शब्द से महिलाओं की बेइज्जती होती है और उनके सम्मान को ठेस पहुंचती है। एक शख्स द्वारा एक महीला को छम्मक छल्लो कहने पर ठाणे कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने उसे दिनभर की सजा सुनाई और 1 रुपए का जुर्माना भी लगाया। मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि यह एक हिंदी शब्द है। अंग्रेजी में इसका कोई अर्थ नहीं है। सिर्फ इस्तेमाल से ही भारतीय समाज में मतलब समझ लिया जाता है। यह शब्द आमतौर पर किसी महिला की बेइज्जती तथा उसे छेड़ने के लिए कहा जाता है। यह काफी निंदनीय शब्द है। जो की महिलाओं के अंदर गुस्सा पैदा करता है।
एक शख्स को मिल चुकी है सजा :
ऐसा कहने पर महाराष्ट्र के एक युवक को सजा मिल चुकी है। ठाणे के मजिस्ट्रेट ने आरोपी युवक को आइपीसी की धारा 509 के तहत (महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द कहना, हावभाव प्रदर्शित करना या कुछ करना) अपराधी माना और उसे एक दिन की साधारण कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही आरोपी पर एक रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि यह अलग बात है कि सजा और जुर्माना काफी मामूली था पर सजा तो सजा होती है कम हो या ज्यादा।
क्या था पूरा मामला :
यह मामला 2009 का है। जब एक महिला ने शिकायत में बताया था कि वह अपने पति के साथ सुबह मॉर्निंग वॉक से लौट रही थी। उस वक्त सीढ़ियों पर रखे एक कूड़ेदान से उसे ठोकर लग गई थी, जिसे उनके पड़ोसी ने रखा था। इसके बाद पड़ोसी के साथ उनकी लडाई हो गई थी। बहस के दौरान आरोपी ने महिला के लिए कई बार छम्मक छल्लो शब्द का इस्तेमाल किया। महिला ने यह भी बताया, पड़ोसी के कहे गए शब्दों से मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची। कई दिनों तक मैं दुखी और परेशान रही। फिर मदद के लिए पुलिस के पास गई, लेकिन पुलिस ने इस मामले की शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया। जब पुलिस ने कोई मदद नहीं की तो बाद मैंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।