कैसे तबाह हो गए रणधीर कपूर और राजीव कपूर ? एक को शराब ने किया बर्बाद, एक ने पिता से ली दुश्मनी
हिंदी सिनेमा में कपूर परिवार सबसे पुराना परिवार है. पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक. बॉलीवुड में कपूर परिवार ने अपना एक तरफा राज किया है. हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक राज कपूर ने काफी बड़ा और ख़ास नाम कमाया था.
राज कपूर को बॉलीवुड में ‘शोमैन’ के नाम से भी जाना जाता है. बॉलीवुड में उनकी तरह ही उनके बेटे ऋषि कपूर भी सफल हुए थे. ऋषि सुपरस्टार भी बने. लेकिन राज कपूर के बड़े बेटे रणधीर कपूर और उनके छोटे बेटे राजीव कपूर ऐसा कमाल नहीं कर सके. आइए जानते है कि आखिर क्यों राजीव और रणधीर अपने पिता की तरह सुपरस्टार नहीं बन पाए.
सबसे पहले बात करते है राज कपूर के बड़े बेटे रणधीर कपूर के बारे में. रणधीर कपूर का सितारा 70 के दशक में चमका था. हालांकि वे अपनी सफलता को बरकरार नहीं रख सके. 1971 में आई फिल्म ‘आज कल और कल’ से रणधीर ने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी लेकिन फिल्म फ्लॉप रही थी.
रणधीर इसके बाद साल 1972 में तीन फिल्मों ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘जवानी दीवानी’ और ‘जीत’ में काम करके दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे थे. इसके बाद उन्होंने ‘लफंगे’, ‘पोंगा पंडित’ और ‘धर्म-कर्म’ जैसी फिल्मों से खुद को और सफल बना लिया. यह सिलसिला फिल्म ‘राम भरोसे’, ‘चाचा भतीजा’, ‘हीरालाल पन्नालाल’ और ‘कसमे वादे’ के साथ भी जारी रहा. लेकिन फिर रणधीर का करियर डूबता चला गया.
रणधीर कपूर के करियर में ढलान का कारण उनकी शराब की बुरी लत को भी माना जाता है. बड़े पर्दे पर अपनी मौजूदगी से लड़कियों का दिल जीतने वाले रणधीर शराब के नशे में चूर रहा करते थे. एक समय वे शराब के काफी आदी हो चुके थे. उन्होंने अपनी इस गलती का खामियाजा भी भुगता.
शराब के चक्कर में उनका फ़िल्मी करियर भी बिगड़ता चला गया और उन्होंने अपने शरीर पर भी ध्यान नहीं दिया. इतना ही नहीं शराब के कारण उनके पत्नी पत्नी और अभिनेत्री बबीता से भी रिश्ते बिगड़ गए थे. पत्नी बबीता भी रणधीर की इस बुरी आदत से परेशान थी. ऐसे में उन्होंने अपनी दोनों बेटियों करिश्मा कपूर और करीना कपूर के साथ उनका घर छोड़ दिया था. रणधीर के करियर के फ्लॉप होने का कारण उनकी अनुशासनहीनता को भी माना जाता है.
अब बात कर लेते है राज कपूर के छोटे बेटे राजीव कपूर की. जब रणधीर का करियर खत्म हो चुका था तब उदय हुआ राजीव कपूर का. उनके फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1983 में आई फिल्म ‘एक जान हैं हम’ से हुई थी. हालांकि उन्हें पहचान मिली थी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से. यह फिल्म साल 1985 में रिलीज हुई थी. इसका निर्देशन राज कपूर ने ही किया था.
फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ काफी सफल रही थी. इस फिल्म से रातोंरात अभिनेत्री मंदाकिनी की किस्मत का सितारा चमक गया था. राजीव को भी लोकप्रियता मिली थी लेकिन मंदाकिनी के मुकाबले उन्हें कम तवज्जो दी गई थी. तब राजीव ने पिता से इसी तरह की एक और फिल्म बनाने के लिए कहा था.
राजीव ने पिता राज से कहा था कि वे उन्हें लेकर फिल्म बनाए और ज्यादा फ़ोकस उन पर होना चाहिए. लेकिन राज ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बेटे को लेकर फिल्म नहीं बनाई. इस घटना के बाद राजीव पिता से काफी नफरत करे लगे थे. राजीव पिता से इस कदर खफा थे कि वे राज कपूर के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए थे.
राजीव ने अपने करियर में ‘लवरब्वॉय’, ‘हम तो चले परदेस’, ‘जबरदस्त’ और ‘लावा’ जैसी फिल्मों में भी काम किया लेकिन ये फ़िल्में फ्लॉप रही और राजीव भी फ्लॉप ही हो गए. वे स्टार नहीं बन पाए. दूसरी ओर राजीव की निजी जिंदगी में भी उथल पुथल मची, उन्होंने साल 2001 में आर्किटेक्ट आरती सभरवाल से शादी की थी. लेकिन साल 2003 में ही दोनों का तलाक हो गया था. बात दें कि राजीव अब इस दुनिया में नहीं है. उनका 9 फरवरी 2021 को 58 साल की उम्र में निधन हो गया था.