ईसाई धर्म छोड़ हिंदू बन गए 100 परिवार, सनातन धर्म में हुई वापसी, BJP नेता ने गंगा जल से धुलाए पैर
अक्सर ही धर्म परिवर्तन या धर्म में वापसी की खबरें सुर्ख़ियों में रहती है. अब धर्म में वापसी से संबंधित मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग से सामने आया है. दुर्ग में अब 100 ईसाई परिवारों ने सनातन धर्म अपना लिया है. उनकी अपने धर्म में वापसी हुई है. 100 ईसाई परिवारों की भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रताप सिंह जूदेव ने गंगा जल से पैर धुलाकर सनातन धर्म में वापसी कराई.
बता दें कि ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में आए 100 परिवार पहले भी हिंदू हुआ करते थे. पहले उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया था. लेकिन अब उनकी घर वापसी हुई है. दुर्ग के जवाहर नगर मिनी स्टेडियम में सोमवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 100 ईसाई परिवारों के सदस्यों के पैर धुलाकर उन्हें वापस सनातन धर्म में शामिल करा दिया.
जवाहर नगर मिनी स्टेडियम में सोमवार को हुए कार्यक्रम में कई लोग पहुंचे थे. सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौजूदगी के बीच यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान 100 ईसाई परिवार के सदस्यों ने अपनी चचा ऐसे ईसाई धर्म का त्याग करके हिंदू धर्म अपना लिया. इन परिवारों में अधिकतर परिवार उड़ीसा के रहने वाले हैं.
घर वापसी कार्यक्रम के करता धरता रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि, इतिहास साक्षी है कि जिन जगहों पर हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ है, जहां हिंदू अल्पसंख्यक हुए हैं वह क्षेत्र भारत से अलग हो गया. एक समय में अखंड भारत अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक था. इसमें सारे हिंदू थे. हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ और वह भाग देश से अलग हो गया. हिन्दू घटा है और देश बंटा है. हिंदुओं की घर वापसी बहुत आवश्यक है और यह हमेशा चलती रहनी चाहिए.
मेरे पिता और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने भी पूरे जीवन धर्मांतरित हो चुके लाखों लोगों के पैर गंगाजल से पखारकर, उन्हें सम्मान देकर घर वापसी कराई. वे पैर धोकर यह संदेश देना चाहते थे कि हम सभी हिंदू एक हैं. आपस का भेदभाव और जातपात हटाकर वे हिंदू एकता की बात करते थे. आज मेरा भी यही प्रयास है. मैं उन्हीं के काम को आगे बढ़ा रहा हूं.
घर वापसी का कार्यक्रम धर्मांतरण माफियाओं के खिलाफ एक युद्ध जैसा है. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे धर्मांतरण और बस्तर संभाग के नारायणपुर में आदिवासी समाज के ऊपर होते मिशनरी अत्याचार से निजात दिलाना जरूरी है. जनजातीय संस्कृति को नष्ट करने की मिशनरी माफियाओं की गहरी साजिश है. हमारे लोगों की दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं.
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने ट्विटर पर शेयर किए Video
‘To forget one’s ancestors is to be a brook without a source, a tree without roots.’
Honored to perform Gherwapsi of 100 converted Families in Durg (CG) to Sanatan Dharma🚩
Welcome home 🙏🏻@ARanganathan72 @kamakshidhanraj @vikramsampath @JaipurDialogues @MNageswarRaoIPS pic.twitter.com/Imo37qQGEm— Prabal Pratap Singh Judev (@prabaljudevBJP) April 24, 2023
कार्यक्रम से संबंधित वीडियो प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किए है. उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ”अपने पूर्वजों को भूल जाना स्रोत के बिना एक नाला, जड़ों के बिना एक पेड़ होना है. दुर्ग (छ.ग.) में सनातन धर्म में परिवर्तित 100 परिवारों की घर वापसी करने का सम्मान. घर में स्वागत है”.