सरपंच और विधायक के बीच 300 से ज्यादा बार बात!
ऊना के कांग्रेसी विधायक और मोटा समधियाला गांव के सरपंच प्रफुल्ल कोराट के बीच घटना से पहले एक महीने में 300 बार से अधिक बातचीत की बात सामने आई है। यह बातचीत विधायक के डायरेक्ट नंबर पर नहीं बल्कि किसी करीबी के नंबर पर हो रही थी। घटना पर हंगामा मचते ही सरपंच फरार हो गया। उसे अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इस साजिश की कई परतें हैं, जिन्हें अभी आपस में जोड़ा जाना बाकी है। अब तक की जो जानकारियां सामने आई हैं वो कुछ इस तरह हैं।
* घटना के महीने भर पहले से सरपंच प्रफुल्ल कोराट और ऊना के कांग्रेसी विधायक फोन पर संपर्क में थे।
* गांव के कई लोगों ने पूछताछ में बताया है कि सरपंच और लोकल कांग्रेसी विधायक में पहले से ही अच्छे संबंध रहे हैं।
* सरपंच का दलित परिवार से झगड़ा चल रहा था। वो उन्हें जमीन खाली करने और जानवरों की खाल उतारने का काम छोड़ने के लिए धमकियां दे रहा था।
* विधायक के कहने पर ही सरपंच पिछले कुछ समय से दलित बालू सरवैया के परिवार से अपने रिश्ते सुधारने में लग गया था, ताकि पहला शक उसी पर न हो।
* जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि घटना का वीडियो सरपंच के मोबाइल फोन से ही बनाया गया है।
* सरपंच के फोन से यह वीडियो एक तेलुगु चैनल तक कैसे पहुंचा, इस बारे में कड़ियां अभी तक नहीं जुड़ पाई हैं। शक है कि सरपंच ने इसे विधायक के हवाले कर दिया था।
* फिलहाल पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि किसी तरह सरपंच को गिरफ्तार किया जा सके।
* सरपंच से पूछताछ के बाद ही विधायक से पूछताछ की जा सकेगी।
* पिटाई के वीडियो में दिखे कथित गोरक्षकों को फोन करके किसने बुलाया यह भी एक रहस्य बना हुआ है। क्योंकि सभी गिरफ्तार आरोपी अलग-अलग नाम बता रहे हैं।
* पिटाई में इस्तेमाल गाड़ी दमन से ऊना आई थी। दमन से ऊना की दूरी 600 किलोमीटर से ज्यादा है। इस सवाल का जवाब मिलना अभी बाकी है कि आखिर वो कौन था जिसके कहने पर 600 किलोमीटर दूर से ये कथित गोरक्षक ऊना आए थे।
* आरोपियों में एक मुस्लिम लड़का भी है। उसने इस साजिश के बारे में कुछ अहम बातें जांचकर्ताओं को बताई हैं।
* यह बात भी पता चली है कि पकड़े गए किसी भी आरोपी ने पहले कभी गोरक्षा के लिए मारपीट नहीं की थी। सवाल ये है कि ऐसा क्या हो गया कि उनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उन्होंने पहले गांव और फिर ऊना कस्बे में मारपीट की और उसका वीडियो भी बनाया?
* आरोपी अपनी गाड़ी पर शिवसेना का नाम लिखते थे, लेकिन यह पता चला है कि उनका शिवसेना से औपचारिक तौर पर कोई लेना-देना नहीं है।