इस समय भारतीय राजनीति में दलितों की पिटाई का मामला बेहद गरमाया हुआ है । ऊना में दलितों की पिटाई के मामले* में बहुत जल्द बड़ा खुलासा हो सकता है। इस सिलसिले में गिरफ्तार 22 लोगों से पूछताछ और मोबाइल फोन रिकॉर्ड्स से कुछ ऐसी जानकारियां सामने आईहैं जो बेहद चौंकाने वाली हैं। घटना की जांच से जुड़े सीआईडी के अधिकारी इस मामले में बेहद गोपनीयता बरत रहे हैं। इस जांच के नतीजे जल्द ही गुजरात पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बता सकती है। शक की सुई सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल की ओर है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अहमद पटेल ने इस पूरी साजिश को अपने करीबी कांग्रेसी विधायक वंश पंजाभाई भीमभाई के जरिए अंजाम दिया। सोशल मीडिया पर पहले ही दिन से कई लोग यह बात खुलकर लिख रहेहैं कि जिस तरीके से यह मामला हुआ है उसमें कहीं न कहीं अहमद पटेल की छाप दिखाई दे रही है। अब यह गुजरात पुलिस की सीआईडी पर है कि वो इसके पक्के सबूत निकाल पाती हैं या नहीं।
रविवार को हैदराबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में खुलकर कहा कि “दलितों का ठेका लेकर बैठे कुछ लोग उन पर अत्याचार करवाकर इश्यू क्रिएट कर रहे हैं। अगर उन्हें हमला करना है तो मुझ पर करें।” हमारी जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी का इशारा दरअसल अहमद पटेल की तरफ ही है। वो अहमद पटेल और कांग्रेस को इस बात के लिए ललकार रहे थे कि दलितों को निशाना बनाने के बजाय सामने से आकर मुझे निशाना बनाओ। क्योंकि मामले की अब तक कि जांच में जो बातें सामने आई हैं वो साफ तौर पर कांग्रेस की ओर इशारा कर रही हैं। हालांकि साजिश को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया है कि सबूतों को ढूंढने और उनके
जरिए असली साजिशकर्ता तक पहुंचना बेहद पेचीदा काम साबित हो रहा है।