‘नानी बाई का मायरा’ और ‘श्रीमद् भागवत कथा’ का वाचन करने वाली जया किशोरी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। देश के साथ-साथ विदेश में भी जया किशोरी पहचानी जाती है। वही सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग काफी तगड़ी है और लोग उनकी कथा और भजन काफी पसंद करते हैं। बता दें, एक अच्छी कथा वाचक होने के साथ-साथ जया किशोरी मोटिवेशनल स्पीकर भी है जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। इसी बीच जया किशोरी ने एक कथा में थप्पड़ वाली बात बयां की जिसके माध्यम से उन्होंने जीवन में आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया।
जया किशोरी ने सिखाया जिंदगी का सबक
इस दौरान जया किशोरी ने बताया कि एक मां अपने घर से कुछ दूर पेड़ के नीचे कुछ बच्चों को खेलते देख रही थी। उनका खुद का बेटा भी वहीं था। उसे इतना लाड़ आया कि सब बच्चों को चॉकलेट बांट दी। कुछ देर बाद वही बच्चे जरूरत से ज्यादा उधम मचाते हुए शैतानी करने लगे, तभी उन्हें लगा कि सबको जोर से थप्पड़ लगाना चाहिए। पर दूसरों के बच्चों को कोई कैसे थप्पड़ लगाए तो उन्होंने सोचा कि सिर्फ अपने बेटे को सुधारने के लिए थप्पड़ लगाऊंगी।”
इसी का उदाहरण पेश करते हुए जया किशोरी ने बताया कि, “भगवान भी मां की तरह ही है। वह उसी को जिंदगी में परेशानियां और मुसीबतें भेजता है यानि उन्हें थप्पड़ लगाता है जिसे वह अपने बेटा मानता है। इसलिए अगर लाइफ में मुश्किल आए तो घबराने के बजाय प्रभु का नाम लेकर उन चुनौतियों से निपटना चाहिए। किस्मत या किसी और को दोष देने के बजाय परिस्थितियों को सकारात्मक रूप से लेते हुए उन पर विजय हासिल करना चाहिए।”
शॉर्टकट से नहीं मिलती सफलता
बता दें इसके अलावा भी जया किशोरी कई बातें बताती है। एक बार उन्होंने शॉर्टकट के बारे में भी बात की थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि कई लोग बड़ा करने के लिए शॉर्टकट नीति अपनाते हैं जो कि गलत है। उन्होंने कहा था कि, “कई बार लोग हार कर गलत रास्ता अपना लेते है। इसे हम शॉर्टकट कहते है। शॉर्टकट से मिली सक्सेस शॉर्ट यानी कम समय तक ही रहती है। वही जो सक्सेस थोडा महनत, धैर्य और सब्र के साथ मिलता है, वो लम्बे समय तक चलता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेहनत और धैर्य से मिली सफलता मिलती ही बडी मुश्किल से है।”
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7 साल की उम्र से कर रही भक्ति
बता दे जया किशोरी एक कथा के लिए करीब 10 लाख रुपए लेती है। इसके अलावा वह सामाजिक कार्य में भी रुचि रखती है जिसके लिए गरीब बच्चों की भी मदद करती है। जया किशोरी ने महज 9 साल की उम्र में ही शिव तांडव स्त्रोत और लिंगाष्टकम जैसे स्त्रोत याद कर लिए थे। जया किशोरी मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली है।
उनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा है जबकि उनकी मां का नाम सोनिया है। जया किशोरी से भी एक और छोटी बेटी है जिसका नाम चेतना शर्मा है। फिलहाल उनका पूरा परिवार कोलकाता में रहता है। जब जया किशोरी 7 साल की थी तभी वह अध्यात्मिक दुनिया की ओर बढ़ गई और अब वह वर्तमान में दुनिया भर में मशहूर है।