हिंदी मीडियम में पढ़ी, अमेरिका में नौकरी की, फिर सबकुछ छोड़ बनी IAS, देशभक्ति से भर देगी ये कहानी
जरा सोचिए। आपकी एक दिन अमेरिका में अच्छी खासी नौकरी लग जाती है। आपको बढ़िया सैलरी मिलती है। आप लाइफ में अच्छे से सेटल हो गए हैं। और इस बीच कोई आपसे कहे कि भैया ये विदेशी नौकरी छोड़ो और भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की तैयारी करो। तो क्या आप ऐसा करेंगे? यकीनन आप में से कई लोग इसे बेवकूफी समझेंगे। लेकिन जिनके अंदर देश की सेवा करने का जज्बा होगा वह ऐसा जरूर करेंगे। आईएएस अपूर्वा यादव भी एक ऐसी ही शख्स हैं।
अमेरिका की नौकरी छोड़ बनी आईएएस
अपूर्वा यादव साल 2016 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की रहने वाली हैं। उनकी स्टार्टिंग की सारी पढ़ाई लिखाई हिंदी मीडियम स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री ले ली। जल्द उनका अमेरिका में टीसीएस कंपनी में सिलेक्शन हो गया। यहां वह अच्छी खासी सैलरी के साथ जॉब करने लगी। तीन साल कॉर्पोरेट जॉब करने के बाद वह ऊब गई। उन्होंने फिर आईएएस या आईपीएस बनने का सपना देखा।
अपूर्वा ने अपनी अमेरिका वाली नौकरी छोड़ दी। वह भारत आकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी। पहले तीन प्रयास में वह असफल रहीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आखिर उनकी मेहनत रंग लाई। वह चौथे प्रयास में यूपीएससी क्रैक करने में कामयाब रहीं। उनकी ऑल इंडिया 13वीं रैंक आई। उनका आईएएस बनने का सपना आखिर साकार हुआ। कभी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली लड़की अब देश की सेवा में लग गई।
ऐसे दूर की हिंदी मीडियम की कमजोरियां
अपूर्वा अपने शहर की पहली एसडीएम भी हैं। वह बताती हैं कि हिंदी मीडियम से आने की वजह से चीजें थोड़ी मुश्किलभरी हो गई थी। लेकिन उन्होंने अपनी अंग्रेजी सुधारने पर काम किया। कई किताबें पढ़ी और अंग्रेजी फिल्में भी देखीं। अपूर्वा सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव रहती हैं। वह यहां अपने निजी जीवन से जुड़ी झलकियां जनता को दिखाती रहती हैं। वह दिखने में भी बड़ी सुंदर हैं।
आईएएस अपूर्वा यादव शादीशुदा भी हैं। उन्होंने एमपी के शिवपुरी के रहने वाले विशाल त्यागी से शादी की है। वह शादी के बाद एक खुशहाल जीवन बीता रही हैं। साथ ही अपना काम भी पूरी ईमानदारी से कर रही हैं। उनके काम क हर कोई तारीफ करता है। वहीं उनकी सक्सेस स्टोरी हार कोई सुनना पसंद करता है। इससे प्रेरणा लेता है। उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि देश की सेवा करने का अपना लग मजा होता है। इसके आगे विदेश कि चमक धमक भी फीकी है।